Mausam ki Jankari : हरियाण में अब पड़ेगी कड़ाके की ठंड, जानें का मौसम हाल

Mausam ki Jankari : हरियाण में अब पड़ेगी कड़ाके की ठंड, जानें का मौसम हाल
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उत्तरी मैदानी राज्यों में पंजाब राजस्थान हरियाणा एनसीआर दिल्ली उत्तर प्रदेश में 15 तारीख से तापमान गिरने की संभावना बन रही है।

Haryana Weather Updates Today : हरियाणा एनसीआर दिल्ली में मौसम साफ और शुष्क बना हुआ है सम्पूर्ण इलाके में तापमान में उतार चढ़ाव जारी है। यहां सुबह और शाम ज्यादा ठंड लग रही है। राजकीय महाविद्यालय नारनौल के पर्यावरण क्लब के नोडल अधिकारी डॉ चंद्रमोहन ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बने समुद्री चक्रवातीय तूफान जो कमजोर हो कर अरब सागर में लो प्रेशर एरिया में तब्दील हो गया है ।

सोमवार को गुजरात महाराष्ट्र के साथ मध्यप्रदेश में कुछ स्थानों पर कमजोर हो चुके समुद्री चक्रवाती तूफान मैंडस के अवशेष के प्रभाव से आज हुई तीव्र बरसात खरसोद खुर्द, जिला उज्जैन, इसके अलावा मंगलवार को मध्यप्रदेश के बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, खंडवा, खरगोन, देवास, इंदौर, शाजापुर, होशंगाबाद, हरदा व सीहोर में कई जगह हल्की से मध्यम आकार की बारिश की गतिविधियों को दर्ज किया । इसके अलावा कुछ स्थानों पर भारी बारिश भी होने की प्रबल संभावना है। साथ ही साथ मध्य प्रदेश के बैतूल, छिंदवाड़ा, सिवनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, सागर, रायसेन, भोपाल, आगरमालवा, उज्जैन व रतलाम में बादलवाही के बीच बिखरी हुई हल्की बारिश या बूंदाबांदी होगी। कही-2 तेज बौछारे भी गिर सकती है। राज्य के बाकी बचे पूर्वी जिलो में बरसात की उम्मीद नहीं है। हालाकि कही-2 बूंदाबांदी हो सकती है।

जबकि उत्तरी मध्यप्रदेश, पंजाब हरियाणा एनसीआर दिल्ली उत्तर प्रदेश में भी मौसम लगभग साफ बना हुआ है व मध्यप्रदेश और दक्षिणी राजस्थान आंशिक बादलवाही वाला रहेगा। राजस्थान के दक्षिणी हिस्सों में भी इस मौसमी प्रणाली द्वारा बारिश की गतिविधियों को दर्ज किया जाएगा। जबकि हरियाणा एनसीआर दिल्ली और उत्तर प्रदेश में इस मौसम प्रणाली का प्रभाव देखने को नहीं मिलेगा। उत्तरी मैदानी राज्यों में पंजाब राजस्थान हरियाणा एनसीआर दिल्ली उत्तर प्रदेश में 15 तारीख से तापमान गिरने की संभावना बन रही है। इस साल दिसंबर का पखवाड़ा चल रहा है परंतु ठंड अपने तीखे तेवरों से आगाज नहीं दिखा रहीं हैं। दिन और रात्रि के तापमान में काफी अंतर दर्ज किया जा रहा है। जो कुछ स्थानों पर 15.0 से 18.0 तक तापांतर दर्ज किया जा रहा है। इस प्रकार का तापांतर पेड़ पौधे, कृषि फसलों, जीव जंतु, मानव के लिए अनुकूल नहीं है।

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