Weather Update : नौतपा खत्म, अब हरियाणा और दिल्ली NCR में ऐसा रहेगा मौसम, येलो अलर्ट जारी

Mausam Ki Jankari
गुरुवार को हरियाणा व एनसीआर दिल्ली में नौतपा का नौवां और आखिरी दिन रहा तथा इस साल मैदानी राज्यों में नौतपा का असर देखने को नहीं मिला। क्योंकि पिछले दिनों एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से सम्पूर्ण इलाके में प्री मानसून गतिविधियां रही और लोगों को गर्मी का सामना नहीं करना पड़ा।
राजकीय महाविद्यालय नारनौल के पर्यावरण क्लब के नोडल अधिकारी डाक्टर चंद्रमोहन ने बताया कि हरियाणा व एनसीआर दिल्ली और में इस साल नौतपा के दौरान तापमान में बढ़ोतरी दर्ज नहीं हुई और नौतपा के शुरुआत से आखिर तक भीषण गर्मी और प्रचण्ड हीट बेव लू का आगाज देखने को नहीं मिला और बीच-बीच में प्री मानसून गतिविधियां दर्ज की गई। परन्तु आने वाले दिनों में हरियाणा व एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर एक बार फिर पश्चिमी शुष्क हवाओं का असर देखने को मिलेगा जिसकी वजह से सम्पूर्ण इलाके में तापमान में बढ़ोतरी दर्ज होगी और साथ ही सम्पूर्ण इलाके में भीषण गर्मी और प्रचण्ड हीट वेव लू अपने तीखे तेवरों से आगाज करेंगी।
बृहस्पतिवार को भी उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों में एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की वजह से उत्तरी राजस्थान पर एक कमजोर प्रेरित चक्रवातीय सरकुलेशन बना हुआ है जिसकी वजह से पूर्वी राजस्थान और हरियाणा के पश्चिमी दक्षिणी जिलों पर दोपहर बाद नए बादलों का फूटाव जारी है जिस कारण आंशिक बादलवाही देखने को मिली। हरियाणा में अधिकतर स्थानों पर अधिकतम तापमान 41.0 और 45.8 डिग्री और न्यूनतम तापमान 23.0 डिग्री से 29.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अब आने वाले दो तीन दिनों तक हरियाणा एनसीआर दिल्ली में तापमान में बढ़ोतरी जारी रहने और भीषण गर्मी और प्रचण्ड हीट बेव लू का तीखे तेवरों से आगाज देखने को मिलेगा और आमजन को आफ़त भरी गर्मी से रूबरू होना पड़ सकता है, इसलिए भारतीय मौसम विभाग ने सम्पूर्ण इलाके पर येलो अलर्ट जारी कर दिया है।
वर्तमान में हरियाणा व एनसीआर दिल्ली में मौसम गतिशील और परिवर्तनशील बना हुआ है। आने वाले दिनों में बीच-बीच में आंशिक बादलवाही देखने को मिलेगी क्योंकि पिछली मौसम प्रणाली की वजह से सम्पूर्ण इलाके में नमी की मात्रा मौजूद है और यदि इस दौरान हवा गर्म है तो उसमें अधिक मात्रा में जलवाष्प पाया जाता है। जब हवा में मौजूद नमी थोड़ी ठंडी हो जाती है, तब जलवाष्प और बर्फ एक साथ मिलकर बादल बन जाते हैं और बारिश, ओलावृष्टि की वर्षा, आदि के रूप में पृथ्वी पर गिरती है। सम्पूर्ण इलाके में धूल भरी हवाएं चलने की संभावनाएं हैं।
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