Weather Update : हरियाणा और दिल्ली सहित इन उत्तरी राज्यों में बदलेगा मौसम, बरसात की संभावना

हरियाणा और एनसीआर दिल्ली में पश्चिमी विक्षोभ का असर देखने को मिला। जिसकी वजह से सम्पूर्ण इलाके में बादलों ने डेरा जमा लिया और तेज़ गति से हवाएं चलीं और साथ ही हल्की बारिश और बुंदाबांदी देखने को मिली। जिस कारण तापमान में गिरावट दर्ज हुई है और वायु गुणवत्ता सूचकांक में भी सुधार हुआ है।
राजकीय महाविद्यालय नारनौल के पर्यावरण क्लब के नोडल अधिकारी डाक्टर चंद्रमोहन ने बताया कि भारत के उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण हरियाणा व एनसीआर दिल्ली में 8 नवंबर तेज़ गति से हवाएं चलने और गरज-चमक के साथ हल्की बारिश दर्ज की गई। जिससे सम्पूर्ण इलाके में तापमान में गिरावट हुई है। साथ ही जहां इस मौसमी प्रणाली का प्रभाव रहा वहां वातावरण में मौजूद प्रचुर मात्रा जहरीले प्रदूषकों की सफाई और धुलाई भी हुई है। जिससे वायु गुणवत्ता सूचकांक में सुधार हुआ है। बुधवार को रोहतक के वायु गुणवत्ता सूचकांक में सुधार होकर केवल 42 हो गया है जबकि चरखी दादरी में 72 और पलवल में 91 व नारनौल में 97 हो गया है।
पिछली मौसम प्रणाली हरियाणा व एनसीआर दिल्ली से आगे निकल चुकी है। परंतु बुधवार को भी भारत के उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों में एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है जिसकी वजह से एक प्रेरित चक्रवातीय सरकुलेशन पंजाब पर बना हुआ है। इस मौसम प्रणाली द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों में भारी मात्रा में हिमपात होने की संभावना है, जबकि मैदानी राज्यों पंजाब और उत्तरी राजस्थान के साथ हरियाणा व एनसीआर दिल्ली में एक बार फिर मौसम करवट लेने वाला है। जिसकी वजह से 75% इलाकों पर बुधवार रात को और 10 नवंबर को तेज़ गति से हवाएं व गरज चमक के साथ हल्की बूंदाबांदी /बारिश की संभावना बन रही है। भारतीय मौसम विभाग ( India Meteorological Department ) ने सम्पूर्ण इलाके में येलो अलर्ट ( yellow alert ) जारी कर दिया है। मौसम प्रणाली के आगे निकलने के बाद सम्पूर्ण इलाके में एक बार फिर हवाओं की दिशा ( उत्तरी पश्चिमी ) और दशा ( शुष्क ) बदलने से दिन और रात्रि के तापमान में गिरावट दर्ज होगी और ठंड अपने तीखे तेवरों से आगाज करेगी।
पर्वतीय राज्यों में भारी मात्रा में बर्फबारी और बारिश सहित मैदानी राज्यों पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान, एनसीआर दिल्ली व पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इलाकों में आज रात से 10 नवंबर तक बरसात की गतिविधियां देखी जाएंगी। उसके बाद 11 नवंबर को जैसे ही मौसम प्रणाली पश्चिमी विक्षोभ आगे निकल जाएगा, बारिश के बाद साफ-सुथरी हिमालय बर्फीले इलाकों से आने वाली ठंडी उत्तर पश्चिमी हवाएं मैदानी राज्यों की ओर चलना शुरू करेंगी। नतीजतन हवाएं पारे को तो नीचे लाएंगी ही, साथ में मैदानी इलाकों की आबोहवा भी बेहद साफ हो जाएगी औऱ प्रदूषण के स्तर में भी गिरावट आएगी। वर्तमान मौसम प्रणाली द्वारा हल्की बारिश सरसों और चने की फसलों में अमृत तुल्य होगी और 11 नवंबर से सम्पूर्ण इलाके के किसान गेहूं की बिजाई निर्भय होकर कर सकते हैं।
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