Exclusive : खट्टर का इलाज करने का क्या फार्मूला है टिकैत के पास?

Exclusive : खट्टर का इलाज करने का क्या फार्मूला है टिकैत के पास?
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किसान नेता राकेश टिकैत मंगलवार को झज्जर टोल पर पहुंचे। उन्होंने किसानों को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने हरिभूमि से भी बातचीत की और सवालों के जवाब दिए।

धर्मेंद्र कंवारी : रोहतक

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता और सरकार के साथ बातचीत में शामिल किसान नेता राकेश टिकैत मंगलवार को झज्जर टोल पर पहुंचे। उन्होंने किसानों को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने हरिभूमि से भी बातचीत की और सवालों के जवाब दिए।

सवाल: मनोहर लाल खट्टर का इलाज करने की बात क्यों कर रहे हो?

टिकैत: इलाज जरूरी है। एनएच खोद दिया है। किसानों को रोक रहे हैं। रेवाडी में अत्याचार किया गया है। हरियाणा में किसान पंजाब से पहुंचे तब इन्होंने सबसे ज्यादा दुखी किया है। इसलिए खट्टर का इलाज करेंगे सारे किसान मिलकर। आंदोलन के बाद पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश और हरियाणा के किसान एक साथ मिलकर खट्टर साहब का इलाज बांधेंगे। आप देख लेना ये भी इतिहास ही लिखा जाएगा।

सवाल: क्या सभी यूनियनों को इस मुद्दे पर एकजुट रहना चुनौति नहीं बनेगा आने वाले समय में?

टिकैत : हां ये सरकार के लिए चुनौती है हमारे लिए नहीं है। हम एकजुट हैं। सरकार से बातचीत में हमने साफ कह दिया था कि एक किसान को आप मनाकर दिखा दो चालीस में से। एक भी नहीं टूट सकता है और जो टूटेगा उसकी खैर नहीं है, उसे घरवाले ही पीटेंगे।

सवाल: बारिश तो चुनौति बन ही गई है किसानों के लिए?

टिकैत : क्या बात कर रहे हो साहब। बारिश तो किसानों का गंगाजल है। हेमकुंड का पवित्र जल है। बारिश नहीं आएगी तो किसान परेशान होगा बारिश में क्या परेशान होना। किसानों को हमारी बहनों ने कहकर भेज रखा है कानून वापस हुए बिना हम वापिस गए तो घर पर पिटाई हो जाएगी। कोई बीच में चला गया तो घरों में रिश्ते भी नहीं होंगे। कोई नहीं जाएगा।

सवाल: सरकार नहीं मानी तो क्या घर नहीं जाएंगे?

टिकैत: सवाल ही नहीं है। सीधा नारा है कानून वापसी तो घर वापसी। नहीं तो यहीं मरेंगे हम नहीं घर जाएंगे। एक बच्चे से भी आप कहलवादे कहेगा हम कानून वापस हुए बिना नहीं लौटेंगे।

सवाल: क्या आप छब्बीस को टैक्टर मार्च निकालेंगे?

टिकैत: तैयारी है बिल्कुल। हमारी राजधानी है हम निकालेंगे जरूर मार्च। सरकार जितना जल्दी हो मान जाए अच्छा है नहीं मानेगी तो तकलीफ सरकार को ही उठानी है। अन्नदाता को तो तकलीफ की ही आदत है।

सवाल : कौन कौन से किसान संगठन अब सक्रिय हैं?

टिकैत: ये आंदोलन अब संगठनों की सीमा से बाहर चला गया है। अब ये जनता का आंदोलन है। जन आंदोलन है। जो भी होगा जनता तय करेगी सरकार को बस मानना ही है। अभी तो बजट सत्र आना है देखते हैं किसानों के हक मे कौन कौन खडा होगा। जो नहीं खडे होंगे उनका इलाज करेंगे।

सवाल: आने वाला समय किसका होगा?

टिकैत: कोई शक नहीं किसान का समय आएगा अब? जिस तरह हाथी को अपनी ताकत का पता नहीं होता था वही हाल किसान के थे। अब किसान को पता चल गया है वो कितना बलशाली है इसलिए तो सरकार को गोला लाठी लगा रखी है।

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