Dev Uthani Ekadashi : जानिए कब है देवउठनी एकादशी, शुरू होंगी शादियां, दिसंबर तक 17 दिन विवाह के शुभ मुहूर्त

सुरेंद्र असीजा : फतेहाबाद
पिछले चार महीने से परिणय सूत्र में बंधने का इंतजार कर रहे जोड़ों को एक होने में कुछ दिन ही शेष बचे हैं। 10 जुलाई को देव शयनी पर बंद हुआ शादियों का सिलसिला 4 नवंबर को देवउठनी एकादशी के साथ ही शुरू हो जाएगा। 4 नवंबर को देवउठनी एकादशी पर शादियों का अबूझ साया है। सीजन की सबसे अधिक शादियां इसी दिन होनी हैं। फतेहाबाद जिले में इस दिन करीबन सवा सौ जोड़े परिणय सूत्र में बंधेंगे।
गुलाबी ठंड में शहनाइयों की मधुर गूंज की तैयारियां अभी से शुरू हो गई हैं। 4 नवंबर से शादियों का सिलसिला शुरू होकर 14 दिसंबर तक चलेगा। हालांकि शादियों का सबसे बड़ा मुहूर्त 4 नवंबर को है। 14 दिसंबर के बाद विवाह योग्य युवकों को 14 जनवरी तक इंतजार करना होगा। 4 नवंबर के अबूझ साये के बाद 26 नवम्बर को शुक्र उदय होगा। इसके बाद 28 नवम्बर से लेकर 14 दिसंबर तक 17 दिन शुभ मुुहूर्त होने से शहर में शादियों की धूम रहेगी।
क्या होती है देव उठनी एकादशी
शास्त्रों के अनुसार भगवान विष्णु चार मास के लिए विश्राम करते हैं, जिसे चातुर्मास बोला जाता है। 10 जुलाई को भगवान विष्णु नींद में गए थे, जिसे देवशयनी के नाम से जाना जाता है। इस दौरान सभी शुभ काम वर्जित होते हैं। माना जाता है कि देवों के उठने के बाद ही सारे शुभ काम पूरे होते हैं। अब 4 नवंबर के दिन भगवान विष्णु द्वारा अपनी निद्रा से उठने के बाद विवाह का शुभ संयोग बनता है। जिस कारण देवउठनी एकादशी का दिन विवाह के लिए सबसे बड़ा सावा है।
शादी की तैयारियों से जुड़े लोगों की बल्ले-बल्ले
इस दिन सबसे अधिक युवा परिणय सूत्र में बंधेंगे, जिसके चलते अधिकांश मैरिज पैलेस, धर्मशालाओं, टेंट हाउस, फोटो स्टूडियो, बसों और कारों की एडवांस बुकिंग हो चुकी है। शादी समारोहों से जुड़े लोगों की बल्ले-बल्ले हो रही है। कुछ लोग तो इसका फायदा उठाते हुए मुंह मांगे रेट वसूल रहे हैं। वहीं कुछ लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सभी धर्मशालाओं व मैरिज पैलेसों में एडवांस बुकिंग है, जिस कारण बाहर से आने वाले यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
पहले हलवाई ढूंढो
मंदी की मार के चलते कभी खाली बैठकर सारा दिन ग्राहकों के इंतजार करते हलवाई और कैटरर्स अब ढूंढे नहीं मिल रहे। कई रईस लोगों ने अच्छे कैटरर्स नहीं मिलने पर दिल्ली व लुधियाना से कैटरिंग का सामान मंगवाया है। इतना ही नहीं गांव में छोटी-मोटी दुकान चलाने वाले हलवाइयों की भी चांदी बनी हुई है। नए करेंसी नोटों की ब्लैक भी शुरू हो गई है।
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