पहले दिन ही हंगामेदार रहा हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र, अध्यक्ष देते रहे चेतावनी, जानिये क्या-क्या हुआ

पहले दिन ही हंगामेदार रहा हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र, अध्यक्ष देते रहे चेतावनी, जानिये क्या-क्या हुआ
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विपक्ष की ओऱ से लगातार विघ्न के कारण विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने बार-बार कांग्रेस के सदस्यों, इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला को चेतावनी दी। इतना ही नहीं कांग्रेस की विधायक गीता भुक्कल सीट छोड़कर वैल में चेयर के सामने पहुंच गईं, जिसके बाद स्पीकर ने नेम कर दिए जाने की चेतावनी दी, तो वे सीट पर लौंटी।

योगेंद्र शर्मा. चंडीगढ़

हरियाणा विधानसभा शीतकालीन सत्र के पहले दिन शुक्रवार को शोक प्रस्तावों से लेकर सदन की पहले दिन की कार्यवाही के दौरान अंत तक शोरगुल होता रहा। विपक्ष की ओऱ से लगातार विघ्न के कारण विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने बार-बार कांग्रेस के सदस्यों, इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला को चेतावनी दी। इतना ही नहीं कांग्रेस की विधायक गीता भुक्कल सीट छोड़कर वैल में चेयर के सामने पहुंच गईं, जिसके बाद स्पीकर ने नेम कर दिए जाने की चेतावनी दी, तो वे सीट पर लौंटी। पहले दिन शोक प्रस्ताव, प्रश्नकाल, शून्यकाल के अलावा विश्वविद्यालयों में नियुक्ति को लेकर सूबे की मनोहरलाल सरकार द्वारा लिए गए फैसले को विपक्ष के सदस्यों ने स्वायत्तता में हस्तक्षेप बताया, इस फैसले को वापस लेने की मांग की। जिस पर शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने सदन में विस्तार से स्थिति स्पष्ट की। हरियाणा सीएम ने सूबे में सेम की समस्या को खत्म करने के लिए नए साल में एक लाख एकड़ जमीन को लेकर खास मुहिम चलाने की बात कही है। सीएम ने स्वीकार किया कि यह पहले ही करने की योजना थी लेकिन कोविड के कारण इसमें विलंब हुआ है।

हरियाणा विधानसभा का सत्र शुक्रवार की दोपहर दो बजे शुरु हुआ। सबसे पहले सदन में दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रस्ताव पढ़े गए। जिसमें सदन के नेता सीएम मनोहरलाल, नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुडडा, स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता, संसदीय कार्यमंत्री ने दिवंगत आत्माओं को शोक श्रद्धांजलि दी। किसानों के मुद्दे पर इस्तीफा देने वाले इनेलो विधायक अभय चौटाला उपचुनाव जीतने के बाद पहला मौका था, जब सदन में मौजूद थे। इस दौरान उन्होंने शुरुआत में ही शोक प्रस्तावों के दौरान ही टोका और किसान आंदोलन के दौरान मरने वाले किसानों को सदन में श्रद्धांजलि देने की मांग रखी। स्पीकर ने उनको बैठा दिया। सीएम हुड्डा और कांग्रेसी विधायकों ने सुर में सुर मिलाए लेकिन स्पीकर ने शोक प्रस्तावों पर शोक के दौरान बिना अनुमति बोलने पर सभी को बैठा दिया। इसके बाद में प्रश्नकाल की शुरुआत हुई, जिसमें सत्तापक्ष के साथ-साथ विपक्ष की ओऱ से अपने विधानसभा क्षेत्रों के मुद्दे उठाए गए। इसके अलावा कईं विधायक प्रदेश स्तरीय मुद्दों पर भी बोले। सदन में गीता भुक्कल, किरण चौधरी, नीरज शर्मा, असीम गोयल, नैना चौटाला रामकरण काला, जोगीराम सिहाग, किरण चौधरी, जगबीर मलिक, बलबीर सिंह डा. रघुबीर कादियान, अमित सिहाग, राव चिरंजीव, आफताब अहमद, मामन खान, इलियास अहमद आदि ने अपने इलाके की समस्या उठाई, तो सदन में मंत्रियों ने जवाब दिए। असीम गोयल द्वारा विदेश भेजने के नाम पर ठगी का विषय उठाया, तो विज ने विस्तार से जवाब दिया। इसके अलावा सदन में कृषि और किसान, सिंचाई के जल आदि को लेकर मंत्री जेपी दलाल ने जवाब दिए।

सदन में स्पीकर ने प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद में बताया कि कौन-कौन से ध्यानाकर्षण प्रस्ताव स्वीकार और कौन से नामंजूर हुए हैं। बाद में शून्यकाल और इसके बाद में विश्वविद्यालयों में नियुक्ति मामले पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव को मंजूर करते हुए स्पीकर ने कांग्रेसी विधायक गीता भुक्कल को बोलने की अनुमति दी। इस पर भुक्कल के साथ-साथ में नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा, रघुबीर कादियान ने विस्तार से बात रखी व इसे विश्वविद्यालयों की स्वायत्ता पर हमला बताया। सदन में पानी की कमी, सेम की समस्या के साथ-साथ किसानों यूरिया की कमी जैसे मुद्दे भी उठे, इस पर कृषि मंत्री ने जवाब दिया। सदन के नेता सीएम ने भी कहा कि प्रदेश में सेम की समस्या से निजात दिलाने की दिशा में हमने एक लाख एकड़ जमीन लक्ष्य रखा है, जिसे जनवरी से शुरु करेंगे, इस कड़ी में पोर्टल भी लांच होगा। मेवात में शिक्षकों की कमी दूर करने का आश्वासन शिक्षा मंत्री कंवरपाल सिंह ने दिया। मंत्री ने कहा कि मेवात में रिटायर शिक्षक रखने के साथ ही दस हजार रुपये अतिरिक्त देने का एलान भी किया गया है। स्पीकर ने सदन को यह भी बताया कि सदन की कार्यवाही 22 तक चलेगी। सदन में 43 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिए गए हैं। जिनमें से बड़ी संख्या में नामंजूर किए गए हैं। इस पर अभय चौटाला ने स्पीकर से कहा कि उन्हें कारण के साथ में जवाब मिलना चाहिए क्यों नामंजूर हुए हैं।

स्मारक बनाएं, बिल वापसी पर फिर प्रस्ताव लाएं

इनेलो विधायक ने किसानों का स्मारक बनाने, बिल वापसी पर माफी मांगने और किसानों का धन्यवाद करने, पहले सदन में कृषि बिलों को लेकर धन्यवाद प्रस्ताव वापस लेने जैसी मांग रखी। इसको लेकर शोरगुल व हंगामा भी हुआ। चौटाला ने भाजपा नेताओं की आलोचना करते हुए कहा कि पहले बिलों को ठीक बताने वाले नेता अब सदन में क्यों नहीं बोल रहे। अभय चौटाला ने सदन में प्रो. कुठियाल का मामला उठाया व आरोप लगाया कि उनके विरुद्ध एमपी में मामला दर्ज है। जिसमें फंड के गबन के आरोप हैं, इस पर स्पीकर ने आपत्ति करते हुए बैठा दिया।

खुले में नमाज की वकालत करते रहे इलियास

गुरुग्राम में खुले में नमाज के लिए सदन के नेता सीएम की आलोचना करते हुए विधायक मोहम्मद इलियास ने भाजपा पर हमला बोला व साथ ही कहा कि इस पर रोक नहीं लगानी चाहिए। इलियास ने कहा कि वे भारत पाक के बंटवारे के वक्त यहीं पर रहे औऱ गांधी जी की बात स्वीकार की थी। लेकिन धार्मिक स्वतंत्रता देने के स्थान पर उनको नमाज से रोका जा रहा है।

...और अभय चौटाला को बोले स्पीकर

शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन अभय चौटाला आक्रामक नजर आए। चौटाला ने प्रश्नकाल और शोक प्रस्तावों के दौरान किसानों के मुद्दे पर शोक प्रस्ताव लाने को लेकर हमला बोला लेकिन स्पीकर ने शांत कर दिया। इसके बाद में भर्तियों, नरमा कपास की फसल खराब होने का मामला उठाया, तो स्पीकर ने वक्त की पाबंदी का उल्लेख किया, इस पर अभय सिंह उखड़ गए व स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता पर टिप्पणी कर डाली। इस पर नाराज स्पीकर बोले आप जैसे लोगों के कारण सदन की गरिमा खराब हो रही है, आपकी तानाशाही व मनमानी घर में चलती होगी, यहां सदन में यह सारा नहीं चलेगा। काफी देर शोरगुल और आरोप प्रत्यारोप के बाद में इनेलो विधायक अभय चौटाला बैठ गए।

विधायक दूडा़राम और जगीश नायर नहीं आए

सदन में फतेहाबाद से विधायक दूड़ाराम ने निजी कारण पुत्र वधू की मृत्यु का उल्लेख करते हुए इस सत्र में नहीं आने की बात कही है। इसके अलावा पहले दिन जगदीश नायर भी नहीं आए। इन दो विधायकों के अलावा भी पहले दिन कईं चेहरे सदन में नहीं थे लेकिन स्पीकर के पास में उनके नहीं आने को लेकर कोई सूचना नहीं थी।

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