हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू : मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शोक प्रस्ताव पढ़े, सिक्किम में शहीद हुए जवानों को दी श्रद्धांजलि

हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के प्रथम दिन सदन में पिछले सत्र से लेकर इस सत्र की अवधि के दौरान मृत्यु को प्राप्त हुए हरियाणा के दिवंगत पूर्व राज्यपाल, विधायकों और शहीद जवानों के सम्मान में शोक प्रस्ताव पढ़े गए और शोक संतप्त परिवारों के सदस्यों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की गई।
सर्वप्रथम सदन के नेता मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शोक प्रस्ताव पढ़े। इनके अलावा, विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता और विपक्ष के नेता भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने भी शोक प्रस्ताव पढ़कर अपनी ओर से श्रद्धांजलि दी। विधानसभा अध्यक्ष ने शोक संतप्त परिवारों को सदन की भावना से अवगत करने का आश्वासन भी दिया। सदन के सभी सदस्यों ने खड़े होकर दो मिनट का मौन रखा तथा दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना भी की। सदन में जिनके शोक प्रस्ताव पढ़े गए, उनमें हरियाणा के भूतपूर्व राज्यपाल धनिक लाल मंडल, हरियाणा विधान सभा के भूतपूर्व सदस्य श्री भाग सिंह छात्तर शामिल हैं।
सदन में अदम्य साहस दिखाते हुए मातृभूमि की एकता व अखंडता की रक्षा करने के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले हरियाणा के 17 वीर शहीदों के निधन पर भी शोक व्यक्त किया गया। इन वीर शहीदों में जिला गुरुग्राम के लेफ्टिनेंट कर्नल सौरभ यादव, जिला भिवानी के गांव नंदगांव के कैप्टन निदेश सिंह यादव, जिला भिवानी के गांव झांवरी के निरीक्षक जितेन्द्र कुमार, जिला महेन्द्रगढ़ के गांव पटीकरा के सहायक उप निरीक्षक विरेन्द्र सिंह, जिला महेन्द्रगढ़ के गांव गणियार के हवलदार सत्येन्द्र पाल, जिला फरीदाबाद के गांव शाहजहांपुर के राइफलमैन मनोज कुमार, जिला हिसार के गांव ढंढेरी के राइफलमैन निशांत मलिक, जिला भिवानी के गांव झांवरी के सिग्नल मैन चन्द्रमोहन, जिला महेन्द्रगढ़ के गांव बुढवाल के नायक मनोज कुमार, जिला झज्जर के गांव सिलानी केशो के नाविक मोहित कुमार, जिला झज्जर के गांव डावला के सिपाही विनोद, जिला रेवाड़ी के गांव रामपुरी के सिपाही योगेश कुमार, जिला रोहतक के गांव बोहर के सिपाही सतपाल, जिला महेन्द्रगढ़ के गांव सुन्दरह के सिपाही कर्ण सिंह, जिला झज्जर के गांव चढ़वाना के सिपाही राजेश, जिला चरखी दादरी के गांव धनासरी के सिपाही मंजीत, जिला यमुनानगर के गांव कल्याणपुर के सिपाही नूर हुसैन, जिला जींद के गांव छाप्पर के सूबेदार सरबजीत पाल सिंह तथा जिला जींद के गांव हाट के हवलदार जसमेर सिंह शामिल हैं।
इनके अलावा, सदन ने 23 दिसम्बर, 2022 को सिक्किम के जेमा में सेना का ट्रक खाई में गिरने से 16 जवानों के हुए दुःखद व असामयिक निधन पर भी गहरा शोक प्रकट किया। सदन ने इस दुर्घटना में शहीद हुए हरियाणा के जिला चरखी दादरी के गांव झोझू कलां के हवलदार अरविंद कुमार, जिला हिसार के गांव संदोल के लांस नायक सोमवीर सिंह, जिला फतेहाबाद के गाव पीली मंदौरी के सिपाही विकास कुमार के अलावा सूबेदार गुमन सिंह, नायब सूबेदार चंदन कुमार मिश्रा, नायब सूबेदार ओमकार सिंह, हवलदार चरण सिंह, हवलदार गोपी नाथ माकुर, नायक रविन्द्र सिंह थापा, नायक वैशाख एस, नायक प्रमोद सिंह, नायक श्याम सिंह यादव, नायक लोकेश कुमार, लांस नायक भूपेन्द्र सिंह, लांस नायक मनोज कुमार तथा सिपाही सुखाराम के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की और शोक - संतप्त परिवारों के सदस्यों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना प्रकट की। उपरोक्त के अलावा, सदन में राज्य मंत्री ओम प्रकाश यादव की माता कृष्णा देवी, विधायक नयन पाल रावत की बहनसंतोष देवी तथा विधायक रघुबीर सिंह कादियान के चचेरे भाई धर्मवीर सिंह के दुःखद निधन पर भी गहरा शोक व्यक्त किया गया।
गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों को किया नमन
शोक प्रस्ताव पढ़ने के बाद सदन के नेता व सीएम मनोहर लाल ने गुरू गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों वीर जोरावर सिंह व फतेह सिंह की शहादत को स्वरचित कविता के माध्यम से श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने अपनी कविता में कहा कि 'गुरू गोबिंद सिंह के बच्चे, उमर में थे अगर कच्चे, मगर थे सिंह के बच्चे, धर्म ईमान के सच्चे, गर्ज कर बोले थे यूं, सिंह मुंह खोल उठे थे यूं, नहीं हम झुक नहीं सकते, कहीं रूक नहीं सकते, कहीं पर्वत झुके भी हैं, कभी दरिया रूके भी हैं, नहीं रूकती है रवानगी, नहीं कभी झुकती जवानी है, जोरावर जोर से बोला, फतेह सिंह छोर से बोला, रखो इंटें, भरो गारे, चिनों दीवार हत्यारे, निकलती सांस बोलेगी, हमारी लाश बोलेगी, यही दीवार बोलेगी, हजारों बार बोलेगी।'मुख्यमंत्री ने सदन को अवगत करवाया कि आज 26 दिसम्बर का दिन है और प्रधानमंत्री ने इस दिन को पिछले वर्ष 'वीर बाल दिवस' के रूप में मनाने की घोषणा की थी। इसी कड़ी में हम विधानसभा सत्र में उन वीर बाल शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। श्री गुरू गोबिंद सिंह जी के चार बच्चों में से दो ने तो पहले ही धर्म की रक्षा के लिए शहादत दे दी थी। जोरावर सिंह व फतेह सिंह को जब दीवार में चिनवाया गया था तो दीवार के एक-दूसरे छोर से दोनों ने धर्म की रक्षा के लिए ललकार लगाई। मुख्यमंत्री ने कहा कि धन्य हैं माता गुजरी जिन्होंने ऐसे वीर पुत्रों को जन्म दिया।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS