गुलाबी ठंड की दस्तक के साथ सजने लगा रजाई का बाजार

- एक ही छत के नीचे रजाई संबंधी सभी सामान उपलब्ध कराने में जुटे कारीगर
- धागे डालना, रजाई कवर, तकिया कवर, रूई, पिनाई, भराई व रेडिमेड रजाई भी मौजूद
हरिभूमि न्यूज. झज्जर : मौसम में आए बदलाव के कारण सुबह -शाम होने वाली ठंड की दस्तक के साथ रूई व रजाई भरने वालों की दुकानें भी शहर में सजनी शुरू हो गई है। आजकल शहर में दूसरे राज्यों से आकर रजाई भरने का कार्य करने वाले प्रवासी कारीगरों ने भी कमान संभाल ली है। यदि घूम कर देखा जाए तो शहर के पुराना तहसील रोड स्थित धानक धर्मशाला, बेरी गेट, छारा चुंगी आदि स्थानों पर रजाई की दुकान सजी है।
बीकानेर चौक के समीप धानक धर्मशाला के सामने रजाई की पिनाई व भराई का कार्य करने वाले मोहम्मद कबीर ने बताया कि वे करीब एक पखवाडे़ पहले ही वे बिहार के दरभंगा जिले से अपने साथी मोहम्मद सगीर, मनसुख के साथ यहां पिनाई व भराई का कार्य करने पहुंचे हैं। वे प्रतिवर्ष शीतकाल के आरंभ में आकर पिछले कई वर्षों से यह कार्य करते आ रहे हैं। मौसम में घुली ठंडक के चलते लोगों ने अपनी रजाईयों में पिनाई व भराई का कार्य करवाना शुरू कर दिया है। अभी दिनभर में पांच से सात रजाईयों के ग्राहक आ रहे हैं। ज्यों-ज्यों ठंड बढे़गी उनका काम भी जोर पकड़ने लगेगा। अगले पखवाड़े तक काम बढ़ने की उम्मीद लगाई जा रही है। उन्होंने बताया कि उनके भाई मोहम्मद फिरोज व सदर ने जहां इसी रोड पर आगे चलकर ठीया लगाया है वहीं उनके अन्य साथियों ने अलग शहर में जाकर अपनी दुकान जमा ली है।
रजाई से संबंधित सभी सामान उपलब्ध : दुकान संचालकों ने बताया कि पिनाई व भराई के अलावा नई रजाई लेने के लिए भी ग्राहकों को किसी और दुकान पर जाने की जरुरत नहीं है। उनके यहां पर रूई, रजाइयों के कवर व उनमें धागे डालने की सुविधा एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराई जा रही है। उनके पास डेढ़ सौ रुपए से लेकर ढाई सौ रुपए तक की कीमत वाली तीन-चार प्रकार की रूई मौजूद है जिनमें कपास, देशी रूई, मलाई रूई व फाइबर रूई शामिल हैं। फाइबर रूई जहां महंगी है वहीं देशी रूई की तासीर मलाई रूई के मुकाबले अधिक गर्म होने के कारण लोग उसे पसंद कर रहे हैं। इसके अलावा तकिया कवर 150 रुपये से 250 रुपये तक, रजाई तैयार करने का खोल 250 रुपये से 500 रुपये तक, रजाई कवर 300 रुपये जोड़ा, पिनाई 30 से 40 रुपये प्रति किलो के हिसाब से की जा रही है। इसके अलावा डबल की रेडिमेड रजाई भी ग्राहकों की डिमांड पर 1500 रुपये से लेकर 2000 रुपये तक में तैयार की जा रही है। इसके अलावा 70 रुपये प्रति रजाई की दर से धागे भी डाले जा रहे हैं।
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