सरकारी अस्पताल में माता का मंदिर दूर कर रहा दवाइयों का टोटा, जानिए क्या है पूरा मामला

- नागरिक अस्पताल में महत्वपूर्ण दवाओं को टोटा बना रहता है। वेयर हाउस से कई बार दवाएं नहीं मिल पाती हैं।
- अस्पताल में हर रोज 1600 मरीजों की ओपीडी हैं। जिसके चलते दवाओं की कमी तक देखी जा रही है।
हरिभूमि न्यूज : सोनीपत
सोनीपत के नागरिक अस्पताल में लंबे समम से दवाओं की कमी देखने को मिलती हैं। अस्पताल में कई-कई महीनों तक रेबिज के इंजेक्शन की मार रहती थी। वहीं अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में दवाओं के टोटे को अस्पताल स्थित माता का मंदिर दूर कर रहा है। मंदिर में आए चढ़ावे से अस्पताल स्टाफ दवा खरीदकर जरूरत को पूरा करता है। शुक्रवार को अस्पताल में आई स्टेट कायाकल्प की टीम ने अस्पताल का दौरा किया था। टीम ने कक्ष में जरूरी दवाओं व जरूरी व्यवस्थाओं को खंगाला। खामियां मिलने पर अस्पताल प्रबंधन के साथ-साथ स्टाफ को फटकार लगाई। टीम सोमवार को फिर से अस्पताल का दौरा करेगी। अस्पताल प्रबंधन खामियों को दूर करने में जुटा हुआ हैं।
बता दें कि अस्पतालों को कायाकल्प के तहत अवार्ड दिया जाता है। इस योजना में टीम अस्पतालों का दौरा करती है और अस्पतालों में कमियों को दूर करके सुविधाएं बढ़ाने पर जोर देती है। इस दौरान इमरजेंसी वार्ड, मैटरनिटी वार्ड, लैब, कोविड ब्लॉक, आई वार्ड, महिला प्रसूति वार्ड, आइसोलेशन वार्ड, ब्लड बैंक सहित पूरे अस्पताल का दौरा किया था। इस दौरान कोरोना मरीजों को दी जा रही सुविधाओं का भी जायजा लिया गया। वहीं कोरोना की चौथी लहर के लिए किए गए इंतजामों बारे भी जानकारी ली। टीम ने अस्पताल प्रबंधन व स्टाफ से जरूरी दिशा-निर्देश देते हुए फटकार लगाई। टीम सोमवार को फिर से अस्पताल का दौरा करेगी। उसके बाद अपनी रिपोर्ट को उच्च अधिकारियों को सौपेंगी।
आपातकालीन कक्ष में मिली खामियों को लेकर लगाई फटकार थी फटकार, कराई जा रही सफाई
कायाकल्प की टीम में शामिल डा. निलिमा, डॉ मनीष राठी, डॉ अनामिका ने नागरिक अस्पताल के करीब सभी वार्डों का दौरा किया था। आपातकालीन कक्ष में व्यवस्थाओं को लेकर टीम के अधिकारी काफी भड़क गए। सफाई व्यवस्था व स्टाफ से बातचीत के दौरान स्टीक जवाब न मिलने पर स्टाफ कर्मचारियों को फटकार तक लगाई। जिसके बाद अस्पताल में सफाई व्यवस्था का काम जोरे से चल रहा हैं। वहीं कक्ष में मिली खामियों को दूर करने के लिए मेटरन ने स्टाफ कर्मचारियों को नोटिस जारी किया हैं।
अस्पताल में दवाओं को टोटा, दान में आए रुपये से किया जा रहा दूर
नागरिक अस्पताल में महत्वपूर्ण दवाओं को टोटा बना रहता है। वेयर हाउस से कई बार दवाएं नहीं मिल पाती हैं। अस्पताल में हर रोज 1600 मरीजों की ओपीडी हैं। जिसके चलते दवाओं की कमी तक देखी जा रही हैं। आपाताकालीन कक्ष में तैनात स्टाफ दवाओं को टोटा परिसर में स्थित माता के मंदिर में आए दान से दूर कर रहा है। जरूरी दवाओं की खरीद मंदिर के दानपात्र में आई नकदी से दूर की जा रही हैं।
प्रसूति विभाग के एससी में खराबी, एक बेड पर दो-दो जच्चा लौटने पर मजबूर
अस्पताल की ईमारत करीब 35 साल से ज्यादा पूरानी हो चुकी है। प्रसूति विभाग में हर रोज 15 से 20 महिलाओं की डिलीवरी होती हैं। जिसके बाद 24 घंटे या 48 घंटे तक जच्चा-बच्चा को अस्पताल में रखा जाता हैं। प्रसूति विभाग में बेड कम होने के चलते एक बेड पर दो-दो महिलाओं को लौटने पर मजबूर होना पड़ रहा हैं। वहीं काफी दिनों से प्रसूति विभाग का एसी खराब हैं। जिसके चलते परेशानी स्टाफ कर्मियों के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं व जच्चा-बच्चा को उठानी पड़ रही हैं।
कुछ खामियां मिली
कायाकल्प की टीम ने अस्पताल का दौरा किया था। जिसमें कुछ खामियां मिली हैं। ज्यादातर खामियां सफाई को लेकर व दीवारों पर पेंट को लेकर मिली हैं। उन्हें जल्द से जल्द दूर करने का काम किया जा रहा हैं। दवाओं की कमी को भी जल्द दूर कर दिया जायेगा। अस्पतला में आने वाले मरीजों को सुविधा देने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। - डा. गिन्नी लांबा, कार्यकारी प्रधान चिकित्सक अधिकारी नागरिक अस्पताल।
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