बायोगैस प्लांट की मदद से जैविक खेती कर दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत बन चुके किसान कुलदीप

बायोगैस प्लांट की मदद से जैविक खेती कर दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत बन चुके किसान कुलदीप
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किसान ने कुलदीप सिंह ने बताया कि वह धान से चावल निकालकर 70 रुपये प्रति किलोग्राम, गेहूं 5000 रुपये प्रति किवंटल के भाव से बेच रहे है। जिससे किसान को कम से कम लागत पर अधिक मुनाफा हो रहा है। इसके साथ किसान अच्छी गुणवत्ता व रसायन रहित अनाज पैदा कर रहा है।

हरिभूमि न्यूज. अंबाला (बराड़ा)

गांव थंबड के किसान कुलदीप सिंह बायोगैस प्लांट( Biogas Plant) की मदद से जैविक खेती को बढ़ावा देकर अन्य दूसरे किसानों (Farmers) के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन चुके है। उन्हें देख अब अन्य किसान भी जैविक खेती (Organic farming) करने की सोचने लगे है। किसान कुलदीप सिंह ने वर्ष 2018 में सहायक कृषि अभियंता अंबाला से अनुदान पर 6 क्यूबिक मीटर क्षमता का बायोगैस प्लांट लगवाया।

सहायक कृषि अभियंता की ओर से पहले किसान को बायो गैस प्लांट के बारे में जानकारी दी गई कि किस तरह किसान बायो गैस प्लांट के साथ-साथ जैविक खेती की तरफ बढ़ सकते है। किसान कुलदीप सिंह ने बताया कि समय-समय पर कृषि विभाग की टीम द्वारा उनके बायो गैस प्लांट का निरीक्षण किया गया व उन्हें उचित कार्य के बारे मे जानकारी दी गई। उनके द्वारा जैविक खाद तैयार करने के इस विकल्प को अन्य किसान प्रभावित होकर बायो गैस लगाने का विचार कर रहे है।

बता दें कि किसान कुलदीप सिंह ने पिछले 3 वर्ष में लगभग 4 एकड़ जमीन में किसी भी तरह का रासायनिक खाद का उपयोग नही किया है। सहायक परियोजना अधिकारी ने बताया कि वह 9 देसी नस्ल की गायों से इस प्लांट को चला रहे है। जिससे 4 एकड़ जमीन में गन्ना, धान, गेहूं, सब्जी व पशुओं का चारा पूर्णत रसायन रहित पैदावार किया है। किसान ने कुलदीप सिंह ने बताया कि वह धान से चावल निकालकर 70 रुपये प्रति किलोग्राम, गेहूं 5000 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से बेच रहे है। जिससे किसान को कम से कम लागत पर अधिक मुनाफा हो रहा है। इसके साथ किसान अच्छी गुणवता व रसायन रहित अनाज पैदा कर रहा है।

सहायक परियोजना अधिकारी ने बताया कि इसके साथ-साथ कुलदीप केंचुआ खाद भी तैयार करने की दिशा में सोच रहा है। कुलदीप ने लोगों से अपील की कि वह भी जैविक खेती की ओर ध्यान दे और मुनाफा कमाए।

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