मेरी कहानी : शादी को 17 साल हो गए, 15 साल से पति और सास कर रहे प्रताड़ित, बच्चों को भी पीटतेे हैं, पुलिस भी नहीं सुनती

मेरी कहानी : शादी को 17 साल हो गए, 15 साल से पति और सास कर रहे प्रताड़ित, बच्चों को भी पीटतेे हैं, पुलिस भी नहीं सुनती
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यह कहानी है कि गांव मूंदी निवासी महिला मीनू की, जिसे कुछ दिन पहले घायलावस्था में ट्रॉमा सेंटर में दाखिल कराया गया था। डहीना पुलिस ने उसकी शिकायत पर उसके पति और सास के खिलाफ मारपीट का केस तो दर्ज कर लिया, लेकिन महिला का मानना है कि आरोपितों के साथ सांठगांठ के चलते पुलिस उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगी।

नरेन्द्र वत्स : रेवाड़ी

मेरी शादी को 17 साल हो गए हैं। 15 साल से पति और सास जमकर प्रताड़ित करते रहें हैं। मेरे दो बच्चे एक लड़का और लड़की हैं। जब भी मुझे बेरहमी से पीटा जाता है, तो बच्चे मुझे छुड़वाने का प्रयास करते हैं। इसके बाद बच्चों को भी जमकर पीटा जाता है। अब धारदार हथियार से हाथ काटने पर 112 नंबर पर कॉल करने के बाद पुलिस ने मुझे ट्रॉमा सेंटर में दाखिल कराया था। जब मैं ट्रॉमा सेंटर दाखिल हुई, तो पति और सास को उनके किए की सजा दिलाने के लिए पुलिस की शरण में जाने को मजबूर हो गई। पुलिस ने ठीक ढंग से कार्रवाई करने की बजाय उसके साथ रूखा व्यवहार करते हुए मेडिकल से संबंधित दस्तावेज छीनकर पुलिस चौकी से भगा दिया।'

यह कहना है कि गांव मूंदी निवासी महिला मीनू का, जिसे कुछ दिन पहले घायलावस्था में ट्रॉमा सेंटर में दाखिल कराया गया था। डहीना पुलिस ने उसकी शिकायत पर उसके पति और सास के खिलाफ मारपीट का केस तो दर्ज कर लिया, लेकिन महिला का मानना है कि आरोपितों के साथ सांठगांठ के चलते पुलिस उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगी। 'हरिभूमि' से बातचीत में रुंधे हुए स्वर में मीनू ने बताया कि उसकी शादी के दो साल बाद से ही सास और पति ने प्रताड़ित करना शुरू कर दिया था। वह लगातार उनके सितम सहते हुए अपना समय गुजारती रही। वह शादी के बाद अपना ज्यादा समय ससुराल की बजाय मायके में गुजारती रही है। पति और सास उसे बेरहमी से पीटते हैं। उसका आरोप है कि हाल ही में पति ने ब्लेड से उसका हाथ काट दिया और सास ने गर्दन दबाकर उसे मारने का प्रयास किया। उसने किसी तरह पुलिस हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर दिया। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस की वैन से उसे ट्रॉमा सेंटर में दाखिल कराया गया।

खुद शिकायत लिखकर साइन करने को कहा

महिला ने बताया कि ट्रॉमा सेंटर में दाखिल होने के बाद जब उसे होश आया, तो डहीना पुलिस चौकी से पुलिसकर्मी वहां पहुंचे। उन्होंने उसे ठीक होने के बाद पुलिस चौकी आने को कहा। जब वह शनिवार को पुलिस चौकी पहुंची, तो उसकी और से लिखी गई शिकायत की बजाय जांच अधिकारी ने खुद शिकायत लिखकर उस पर साइन करने को कहा। उसके भाई ने पुलिसकर्मी की ओर से लिखी हुई शिकायत को फाड़कर फेंक दिया। इसके बाद उसके हाथ से ट्रॉमा सेंटर में बनी मेडिकल रिपोर्ट छीन ली और चौकी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। महिला का आरोप है कि पुलिस उसके पति से मिली हुई है। उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करने की बजाय उन्हें खुला घूमने की छूट दे रखी है। उसकी चोट के हिसाब से एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई।

छलका महिला के भाई का दर्द

महिला के भाई अमन ने डहीना पुलिस चौकी पर आरोपितों के साथ मिले हुए होने का आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस उन्हें बचाने का प्रयास कर रही है। उसकी बहन लंबे समय से जुल्म सहन कर रही है। अब कानून का सहारा लिया है, तो इंसाफ की उम्मीद कम नजर आ रही है। उसने आरोप लगाया कि जब वह अपनी बहन के साथ पुलिस चौकी गया, तो उसके और उसकी बहन के साथ पुलिस की ओर से रूखा व्यवहार किया गया। अमन ने कहा कि वह जल्द ही अपनी बहन के साथ एसपी से मिलकर न्याय की गुहार लगाएगा।

पति-पत्नी के बीच झगड़े का मामला

मामला पति-पत्नी के बीच झगड़े का है। शिकायतकर्ता के हाथ को ब्लेड से काटा गया था। मां-बेटों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। जल्द ही दोनों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। चौकी में किसी के साथ दुर्व्यवहार जैसा कुछ नहीं किया गया। - सूबे सिंह, जांच अधिकारी, पीपी डहीना।

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