पंचायत चुनाव में महिला उम्मीदवारों को ऑड- ईवन के आधार पर आरक्षण दिया जाएगा

अमरजीत एस गिल : रोहतक
पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं का आरक्षण 33 से 50 प्रतिशत करने के हरियाणा विधानसभा के फैसले को राज्य सरकार ने अमलीजामा पहना दिया है। इस बारे में सरकार ने गत सात दिसम्बर को अधिसूचना जारी कर दी है। जिसके मुताबिक महिलाओं को आरक्षण ऑड-ईवन के आधार पर दिया जाएगा। यानि के आरक्षण के लिए पंचायत महकमा ड्रा नहीं करेगा।
ऑड-ईवन प्रणाली के तहत आरक्षण तय करने से पंचायत विभाग का काफी समय बचेगा। क्योंकि अलॉट ऑफ ड्रा करने में एक सप्ताह से दस दिन का समय लगता है। चूंकि पंचायती राज संस्थाओं के आम चुनाव जनवरी-फरवरी में करवाए जाने हैं। ऐसे में सरकार ने निर्णय लिया है कि महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए अलॉट ऑफ ड्रा की बजाय सम-विषम आधार बनाया जाए।
नारी शक्ति के हाथ में होगी गांव की चौधर
पंचायत के चुनावों में महिलाओं के लिए 50 फीसदी पद आरक्षित करने के बारे में गत छह नवंबर को विधानसभा में पंचायती राज एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव लाया गया और इसे सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। अब ऑड-ईवन के आधार पर सीटें आरक्षित होंगी। जिस गांव में महिला सरपंच होंगी। अगले पंचायत चुनाव में उस गांव में पुरुष सरपंच होगा। अधिसूचना के मुताबिक प्रत्येक गांव को सम-विषम (ऑड ईवन) के आधार पर कोड दिए जाएंगे। पंचायती राज संस्थाओं यानी जिला परिषद, ब्लॉक पंचायत समिति और ग्राम पंचायतों के चुनावों में यह नियम लागू हो गया है। सरकार का मानना है कि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं पंचायती राज संस्थाओं में निर्वाचित होकर न केवल अपने गांव की आवाज को बुलंद करेंगी, बल्कि विकास को भी गति देंगी।
कमेटी चुनाव के नियम तय करेगी: ऑड-इवन की अधिसूचना पंचायत विभाग के मुख्यालय जाएगी। यहां एक कमेटी बनेगी, जाे तीन नए संशोधन के मुताबिक चुनाव के नियम कायदे तय करेगा। यह नियमावली पंचायत विभाग राज्य निर्वाचन आयोग को भेजेगा। इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग प्रदेश के सभी जिला निर्वाचन अधिकारी पंचायत को ऑड-ईवन के तहत आरक्षण की व्यवस्था करने के लिए पत्र भेजेगा। जिला निर्वाचन अधिकारी पंचायत सम विषम प्रणाली के तहत आरक्षण तय करेगा। इसकी सूचना राज्य निर्वाचनद आयोग को भेजी जाएगी। इसके बाद ही आयोग चुनाव के लिए अधिसूचना जारी करेगा। सुरक्षा के मध्यनजर रखते हुए वर्ष 2016 में 10, 17 और 24 जनवरी को इलेक्शन करवाए गए थे। हो सकता है कि इस बार भी तीन चरणाें में ही मतदान करवाया जाए।
गांव में हर 10 साल बाद महिला सरपंच
इसी तरह हर दस साल में पांच साल हरियाणा के हर गांव में एक महिला सरपंच होगी। यह नियम आरक्षित पदों पर भी लागू होगा। इसके साथ ही, ग्राम पंचायत के पंचों के मामले में भी यही प्रक्रिया अपनाई जाएगी। 50 फीसदी पंचों के पद महिलाओं के लिए रहेंगे। ये व्यवस्था ग्राम पंचायतों के बाद जिला परिषद और ब्लॉक पंचायत समिति में भी ऐसे लागू रहेगी। जिला परिषद और ब्लॉक समिति के सदस्यों और अध्यक्ष के पदों के लिए भी ऑड-ईवन का फॉर्मूला इस्तेमाल किया जाएगा। इस व्यवस्था के तहत अनुसूचित वर्ग के लिए आरक्षित सीटों और अन्य आरक्षित सीटों पर भी महिला आरक्षण लागू किया जाएगा।
ऑड-ईवन पर चुनाव
ऑड-ईवन प्रणाली से पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने की अधिसूचना राज्य सरकार ने जारी कर दी है। चुनाव से पहले कई और कानूनी औपचारिकताएं पंचायत विभाग को पूरी करनी हैं। इनकी प्रक्रिया शुरू हो गई है। -राजपाल चहल, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी लाखनमाजरा
रिश्तेदार निभा रहे जिम्मेदारी
यह भी महत्वपूर्ण है कि वर्ष 1994 में महिलाओं के लिए जिस 33 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई थी। उससे महिलाओं में वह राजनैतिक जागरूकता नहीं आ पायी कि वे प्रशासनिक कार्य स्वयं कर सकें। यह विडम्बना ही है कि अढ़ाई दशक बाद भी प्रशासनिक कार्य उनके पुरुष रिश्तेदारों द्वारा ही किए जा रहे हैं। यहां तक किसी भी पंचायती राज संस्थान के सदन में महिलाओं के रिश्तेदार पुरुष बैठते हैं। और वे ही बैठक में जिरह करते हैं। यह सब प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में होता है।
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