अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाएं सम्मानित, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने की ये घोषणाएं

Haryana : मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) के अवसर पर भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया। वहीं लिंगानुपात में उत्कृष्ट प्रदर्शन पर सिरसा, भिवानी और सोनीपत जिलों को क्रमश: प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार दिया गया। इन पुरस्कारों के लिए पांच लाख, तीन लाख और दो लाख का पुरस्कार दिया गया। ये पुरस्कार इन जिलों के उपायुक्तों को प्रदान किया गया।
राज्य स्तरीय पोषण पुरस्कार प्रथम, द्वितीय और तृतीय क्रमश: नूंह, महेंद्रगढ़ और पंचकूला को दिया गया। पुरस्कार स्वरूप 2 लाख, एक लाख और 50 हजार रुपये की राशि दी गई। इन जिलों के उपायुक्तों ने ये पुरस्कार प्राप्त किये। खेल, सामाजिक कार्य और कर्मचारी वर्ग में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए भी 38 महिलाओं को सम्मानित किया गया। कुमारी सुमेधा धानी और डॉ. प्रियंका सोनी को इंदिरा गांधी महिला शक्ति पुरस्कार प्रदान किया गया। आशा को कल्पना चावला शौर्य पुरस्कार और भगवती देवी यादव को लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार प्रदान किया। इसके अलावा खेलों, सामाजिक क्षेत्र, महिला सशक्तिकरण और आंगनबाड़ी वर्करों को उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया।
धापो ताई कर रहीं बेटियों को बचाने के लिए प्रेरित
झज्जर जिले में धापो ताई लोगों को घर घर जाकर बेटियों को बचाने के लिए प्रेरित कर रही हैं। जिले में अब धापो ताई की मुहिम के साथ 25 महिलाएं जुड़ चुकी हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने धापो ताई के साथ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से बात भी की और नन्हे धापो ताई की मुहिम को पूरे प्रदेश में चलाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि लिंगानुपात की दिशा में हरियाणा की स्थिति काफी खराब थी। हमारे प्रदेश को बेटियों को कोख में ही मारने के लिए पहचान जाता था। जो लिंगानुपात 2014 में 1000 के मुकाबले 871 था, वह अब बढक़र 922 हो गया है। यह सब समाज को जागरूक करने और सरकार की सख्ती के कारण सम्भव हो पाया है।
'हरि हर योजना' की शुरुआत
हरियाणा में अनाथ बच्चों (ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता के बारे में कोई जानकारी नहीं है) को संरक्षण और आश्रय देने के लिए बड़ा कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 'हरि हर योजना' की शुरुआत की। एक अनाथ बच्चे की कहानी सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने यह निर्णय लिया है कि अनाथ बच्चों के अभिभावक/संरक्षक की भूमिका सरकार निभाएगी।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर इस योजना का विवरण सांझा करते हुए मनोहर लाल ने कहा कि अनाथ बच्चों को 18 वर्ष की आयु तक राज्य के अनाथालयों में आश्रय दिया जाएगा और उसके बाद राज्य सरकार उसकी आगे की शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। जिन अनाथ बच्चों ने स्कूली शिक्षा पूरी कर ली है, वे 25 वर्ष की आयु तक एक्स-ग्रेसिया के आधार पर ग्रुप सी और डी सरकारी नौकरी के लिए पात्र होंगे। यदि बच्चा स्नातक पूरा करता है तो उन्हें ईडब्ल्यूएस श्रेणी के तहत ग्रुप ए और बी की सरकारी नौकरियों में आरक्षण दिया जाएगा।
पैरालम्पिक और पैरा एथलेटिक्स के लिए भी खेल नीतियां समान रूप से लागू होंगी
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि खेलों के लिए बनाई गई नीतियां अब पैरालम्पिक और पैरा एथलेटिक्स के लिए समान रूप से लागू होंगी और इन केटेगरी के खिलाड़ियों को वो सब सुविधाएं मिलेंगी जो सामान्य श्रेणी के खिलाड़ियों को मिलती हैं। इस सम्बंध में पैरालम्पिक खिलाड़ी बहन दीपा मलिक ने ध्यान कराया तो सरकार ने पैरा खिलाड़ियों को भी सभी सुविधाएं समान रूप से देने का निर्णय लिया है।
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