Hockey Players : 'शेरनियों' का पुष्प वर्षा से स्वागत, रानी रामपाल के पिता बोले- बेटियों ने अभी दिल जीता है, आगे मेडल जीतेंगी

Hockey Players : शेरनियों का पुष्प वर्षा से स्वागत, रानी रामपाल के पिता बोले- बेटियों ने अभी दिल जीता है, आगे मेडल जीतेंगी
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शाहबाद में खेल प्रेमियों और नगर वासियों ने ढोल की थाप पर नाच कर महिला खिलाड़ियों कप्तान रानी रामपाल सहित नवनीत कौर और नवजोत कौर का स्वागत किया।

हरिभूमि न्यूज. शाहबाद ( कुरुक्षेत्र )

महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल सहित नवनीत कौर और नवजोत कौर का टोक्यो ओलंपिक से शाहबाद पहुंचने पर बहुत जोरदार स्वागत हुआ। खेल प्रेमियों और नगर वासियों ने ढोल की थाप पर नाच कर महिला खिलाड़ियों का स्वागत किया। सबसे पहले महिला हॉकी खिलाड़ी की कप्तान रानी रामपाल के घर पर पहुंचे, जहां परिवार के सदस्यों ने अपनी बेटी सहित तीनों खिलाड़ियों का पुष्प वर्षा से स्वागत किया। उसके बाद खिलाड़ी नवजोत कौर के निवास स्थान पर पहुंचे।

सभी खिलाड़ियों के घर दुल्हन की तरह सजाए गए। खेल प्रेमियों और शहर वासियों ने पुष्प वर्षा कर खिलाड़ियों का स्वागत किया। इसके बाद जीटी रोड स्थित शहीद उधम सिंह पार्क में विधायक और शुगरफेड के चेयरमैन रामकरण काला ने खिलाड़ियों का पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया और कहा कि हमारी नगर की बेटियों ने टोक्यो ओलंपिक में बेहतरीन प्रदर्शन कर नगर प्रदेश और अपने मां बाप का नाम विश्व मानचित्र पर दर्ज करवाया है, जिससे हम सब का सीना गर्व से चौड़ा हो गया है। रानी रामपाल के पिता ने कहा कि भारतीय महिला की टीम का ओलंपिक जीतने का सपना भले ही टूट गया हो लेकिन देश की बेटियों ने हार कर भी दिल जीत लिया है।

नवनीत के पिता सरदार बूटा सिंह ने कहा कि कांस्य पदक के लिए ब्रिटेन के साथ हुए रोमांचक मुकाबले में टीम को हार का सामना करना पड़ा जिससे खिलाड़ियों के साथ-साथ हम परिजन भी भावुक होकर रोने लगे थे। नवजोत के पिता सरदार सतनाम सिंह ने कहा कि महिला हॉकी टीम ने पहली बार ओलंपिक सेमीफाइनल में पहुंचकर सफलता के नए मानदंडों को छुआ और करोड़ों भारतीयों के दिल को जीत लिया। आने वाले समय में हमें पूरा विश्वास है कि हमारी खिलाड़ी अवश्य ही नए आयाम को छूकर एक रिकॉर्ड कायम करेंगी। तीनों खिलाड़ियों ने कहा कि द्रोणाचार्य अवॉर्डी हॉकी कोच सरदार बलदेव सिंह को इसका श्रेय जाता है। आज हम जिस मुकाम पर पहुंचे हैं यह सब हॉकी कोच बलदेव सिंह की बदौलत ही संभव हो पाया है।

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