कैथल में महिला सफाई कर्मचारियों की SDM से हाथापाई, सड़कों पर फैलाया कूडा-कर्कट

कैथल में महिला सफाई कर्मचारियों की SDM से हाथापाई, सड़कों पर फैलाया कूडा-कर्कट
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जैसे ही इन महिलाओं को महिला पुलिस कर्मचारियों ने रोकने का प्रयास किया तो ये महिलाएं उनके साथ भी हाथापाई करती नजर आई। हड़ताली कर्मचारियों ने एकत्रित किए गए कूड़े को सड़क पर बिखेर दिया।

हरिभूमि न्यूज : कैथल

कैथल में एक सप्ताह से भी अधिक से चल रही नगर परिषद की हड़ताल सरकार व जिला प्रशासन के साथ-साथ नगरवासियों व राहगीरों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है। जैसे ही शुक्रवार को एसडीएम डा. संजय कुमार ने जिला प्रशासन, नगर परिषद और पार्षदों के साथ मिलकर दल बल सहित सफाई अभियान चलाने का प्रयास किया तो दो महिला सफाई कर्मचारी एसडीएम के साथ भिड़ गई। उन्होंने एसडीएम को भला-बुरा कहा तो वहीं उनके साथ हाथापाई भी की। जैसे ही इन महिलाओं को महिला पुलिस कर्मचारियों ने रोकने का प्रयास किया तो ये महिलाएं उनके साथ भी हाथापाई करती नजर आई। जहां जिला प्रशासन की टीम सफाई करवाने चली थी तो वहीं हड़ताली सफाई कर्मचारियों की टीम उन्हें रोकने के लिए पुरजोर प्रयास कर रही थी। हड़ताली कर्मचारियों ने एकत्रित किए गए कूड़े को सड़क पर बिखेर दिया।

यही नहीं उन्होंने मशीन द्वारा ट्राली में डाला गए कूड़े को भी नीचे फेंक दिया। हड़ताली कर्मचारियों के तेवर इतने उग्र थे कि वे किसी भी अधिकारी को अधिकारी नहीं समझ रहे थे। उनका बस एक ही कहना था कि जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाती तो वे सफाई नहीं होने देंगे। इसे लेकर कई बार कर्मचारियों और पुलिस प्रशासन के बीच तनाव की स्थिति भी बनी लेकिन एसडीएम डा. संजय सिंह ने संयम से काम लेते हुए कोई सख्त एक्शन नहीं लिया तथा पुलिस को हड़ताली कर्मचारियों को एक ओर हटवाते हुए सफाई अभियान चलाने की बात करते रहे। यही नहीं हड़ताली कर्मचारी बार-बार जिला प्रशासन के वाहनों की कार्यवाही को भी रोक रहे थे लेकिन भारी पुलिस बल होने के कारण उनकी एक न चली। गौरतलब है कि सफाई कर्मचारियों की करीब एक सप्ताह से भी अधिक तक की लगातार हड़ताल के कारण नगर के चारों ओर कूड़े के ढेर लग गए हैं। ढेरों से उठती बदबू के कारण शहरवासियों का जीना दूभर होकर रह गया है। हालांकि शुक्रवार को कर्मचारी नेताओं की बातचीत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से भी हुई लेकिन बात नहीं बन पाई।

नगर पार्षदों ने भी दिया जिला प्रशासन का समर्थन

हालांकि शुरुआती दौर में सभी 31 जिला पार्षद हड़ताली सफाई कर्मचारियों की ओर थे लेकिन जैसे ही वीरवार को हड़ताली सफाई कर्मचारियों ने पार्षदों के साथ हाथापाई की और उनके निवास पर कचरा डालकर अभद्रता दिखाई तो इससे पार्षदों के सम्मान को ठेस पहुंची तथा उन्होंने शुक्रवार को जिला प्रशासन के साथ मिलकर सफाई अभियान चलाने का फैसला लिया। सभी पार्षद शुक्रवार सुबह जिला प्रशासन की टीम के साथ सफाई अभियान को निकले। जैसे ही हड़ताली कर्मचारियों को इसका पता चला तो करीब दो दर्जन पुरुष व महिलाओं ने सफाई टीम का विरोध जताया।

जैसे ही मौके पर तैनात एसडीएम संजय कुमार ने उन्हें ऐसा करने से रोका तो वे बिफर गए तथा उन्होंने नारेबाजी करते हुए विरोध जताना शुरू कर दिया। यही नहीं महिला कर्मचारियों ने एसडीएम के साथ हाथापाई भी की लेकिन मौके पर तैनात महिला कर्मचारियों ने उन्हें एक ओर कर दिया। महिलाओं ने एसडीएम व टीम के साथ अभद्रता भी की तथा उनके खिलाफ जमकर रोष जताया। पार्षदों का एकमत से कहना था कि वे सरकार से मांग करते हैं सफाई कर्मचारियों की समस्या का समाधान किया जाए लेकिन कर्मचारियों को शहर की सफाई का वैकल्पिक प्रबंध अवश्य करना चाहिए।


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