World Cancer Day : जींद में लगातार बढ़ रहे कैंसर मरीज, इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज, जरा सी लापरवाही ले सकती है जान

हरिभूमि न्यूज. जींद
आज विश्व कैंसर दिवस है। कैंसर के उपचार में जरा सी लापरवाही महंगी पड़ती सकती है। हरियाणा के जींद जिले में कैंसर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अब तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा 2049 कैंसर मरीजों की पहचान कर चुका है जबकि अगर कैंसर जांच को लेकर विशेष शिविर लगाए जाएं तो यह आंकड़ा और अधिक बढ़ सकता है। हालांकि नागरिक अस्पताल में कैंसर के न तो उपचार की सुविधा है और न ही जांच की सुविधा है। जिसके चलते कैंसर मरीजों को पीजीआईएमएस रोहतक का रास्ता दिखा दिया जाता है।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2021 में 202 कैंसर के मरीज मिले हैं। इसमें सबसे ज्यादा महिलाओं को स्तन व पुरुषों में गले व मुंह का कैंसर के मामले में मिले हैं। चिकित्सकों की माने तो मुंह के कैंसर के मामलों की संख्या बढ़ने का मुख्य कारण तंबाकू का सेवन अधिक करना है। इसके अलावा फसलों में हो रहे अधिक कीटनाशक के प्रयोग के चलते भी कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। अस्पताल में इलाज तो दूर जांच तक की सुविधा नहीं है। कैंसर मरीजों की पुष्टि भी तक से हो रही है जब से सरकार ने कैंसर मरीजों के लिए बस सुविधा निशुल्क की हुई है।
गांव घिमाना व जुलानी में कैंसर मरीजों की संख्या अधिक
गांव घिमाना व जुलानी में कैंसर के मरीजों की संख्या सबसे अधिक है। ग्रामीणों के अनुसार गांव का जमीनी पानी पीने लायक नहीं है और उसमें टीडीएस काफी मात्रा में है। जिसके चलते कैंसर मरीजों की संख्या अधिक बढ़ रही है। गांव घिमाना निवासी नरेशन ने बताया कि गांव में कैंसर के मरीजों की संख्या अधिक है। इसे लेकर विभाग के पास कई बार पत्र लिख कर विशेष अभियान चलाने की मांग कर चुके हैं।
कैंसर के लक्षण
बलगम के साथ खून आना, छाती में दर्द होना, सांस का फूलना, वजन कम होना, मुंह से लार आना, मुंह में ऐसे छाले होना जो लंबे समय तक ठीक न होना है। इसके अलावा खाना निगलने में कठिनाई होना, स्तन में गांठ व सूजन होने तथा योनी से अधिक रिसाव या रक्तस्राव होने पर भी अच्छे चिकित्सक से परामर्श लेकर जांच करवानी चाहिए ताकि कैंसर जैसी बीमारी से समय रहते बचा जा सके।
कैंसर मरीजों की पहचान के लिए ब्लॉक स्तर पर क्लीनिक चलाए जा रहे : डा. पांचाल
नागरिक अस्पताल के डिप्टी सीएमओ डा. रमेश पांचाल ने बताया कि अगर किसी मरीज में कैंसर से संबंधित लक्षण दिखाई देते हैं तो उनको जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल भेजा जाता है। उसके बाद जांच के लिए पीजीआइ रोहतक, एम्स में जांच के लिए भेजा जाता है। कैंसर के मरीजों की पहचान के लिए ब्लॉक स्तर पर क्लीनिक चलाए जा रहे हैं। इस तरह के 10 एनसीडी क्लीनिक जिले में चलाए जा रहे हैं। जहां पर एक स्टाफ नर्स की ड्यूटी लगाई गई है।
जींद में कैंसर के मामले
2013 में 63, 2014 में 158, 2015 में 240, 2016 में 366, 2017 में 239, 2018 में 273, 2019 में 203, 2020 में 183, 2021 में 202
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