World Liver Day : लीवर खराब होने के तीन प्रमुख कारण शराब, पढ़ें

World Liver Day : लीवर खराब होने के तीन प्रमुख कारण शराब, पढ़ें
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पीजीआईएमएस रोहतक के डाॅ. प्रवीण मल्होत्रा ने बताया कि वे 20 सदस्यीय टीम के साथ निरंतर शोध कर रहे हैं। पिछले 12 वर्षों में करीब 2 हजार खराब लीवर के मरीजों में 50 प्रतिशत शराब की वजह से हुए, 25 प्रतिशत काले पीलिये, 22 प्रतिशत शुगर व मोटापे की वजह व 3 प्रतिशत अन्य कारणों से।

राेहतक। हर वर्ष 19 अप्रैल को विश्व लीवर दिवस (World Liver Day) मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लीवर को कैसे स्वस्थ रखे जाने की जागृति फैलाने और लीवर संबंधित भ्रांतियों को समाज में कैसे कम किया जाए है। मानव शरीर में लीवर एक महत्वपूर्ण अंग है और इसके कई योगदान हैं जैसे इंफेक्शन (infection) को बचाने में, शुगर व चर्बी का संतुलन बनाने में, खून साफ करने व आहार को पचाने में विशेष रोल है। यह कहना है पीजीआईएमएस रोहतक (PGIMS Rohtak) के गैस्ट्रोलाेजी विभागाध्यक्ष डाॅ. प्रवीण मल्होत्रा (Dr. Praveen Malhotra) का।

उन्होंने कहा कि लीवर खराब होने के तीन प्रमुख कारण हैं शराब, मोटापा व काला पीलिया हैपेटाइटिस बी व सी। मेडिकल विभाग पीजीआईएमएस रोहतक नेशनल वायरल हैपेटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम का माॅडल ट्रीटमेंट सेंटर है। डाॅ. प्रवीण मल्होत्रा ने बताया कि वे इस सेंटर में अपनी 20 सदस्यीय टीम के साथ निरंतर शोध कर रहे हैं। पिछले 12 वर्षों में करीब 2 हजार खराब लीवर के मरीजों में 50 प्रतिशत शराब की वजह से हुए, 25 प्रतिशत काले पीलिये, 22 प्रतिशत शुगर व मोटापे की वजह व 3 प्रतिशत अन्य कारणों से। इन मरीजों में सबसे खराब स्थिति शराब पीने वालों की रही क्योंकि वें इलाज के लिए देर से पहुंचे और करीब 50 प्रतिशत ने एक बार ठीक होने के बाद फिर से शराब पीना शुरू कर दिया। 1 हजार शराब पीने वालों में 99 प्रतिशत आदमी थे और 75 प्रतिशत ने 20 से 30 वर्ष की उम्र में शराब का सेवन शुरू कर दिया था।

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शराब व किसी अन्य नशे से दूर रहें : डाॅ. प्रवीण

डाॅ. प्रवीण ने बताया कि करीब 80 प्रतिशत मरीजों ने शराब का सेवन अपने दोस्तों के देखा देखी ही शुरू किया था और 20 प्रतिशत ने अपने परिवार को देखकर। पीजीआई में एंडोस्कोपी,क्लोनोस्कोपी, कैप्सूल एंडोस्कोपी, फाइब्रोस्कैन, काले पीलिये, हैपेटाइटिस ए,बी, सी, ई के सभी टैस्ट व दवाईयां निशुल्क प्रदान की जाती हैं। उनके द्वारा अभी तक 36 हजार एंडोस्कोपी व 28 हजार फाइब्रोस्कैन निशुल्क किए जा चुके हैं।

हर गर्भवती का हैपेटाइटिस बी का निशुल्क टेस्ट किया जाता है

डाॅ. प्रवीण मल्होत्रा ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि लीवर को स्वस्थ रखने के लिए शराब व किसी अन्य नशे से दूर रहें और काला पीलिया होने पर झोला छाप के चक्कर में ना आकर किसी सरकारी अस्पताल व मेडिकल कालेज में आकर विशेषज्ञ से निशुल्क इलाज करवाएं। मोटापे से बचने के लिए घी, चिकनाई व मीठे का कम प्रयोग करें और नियमित व्यायाम करें। गैस्ट्रो विभाग अभी तक 170 गर्भवती हैपेटाइटिस बी से पीडित महिलाओं की कोख को इस वायरस से सुरक्षित रखने में पूर्णत सफल हुआ है जो अपने आप में कीर्तिमान है। हर गर्भवती का हैपेटाइटिस बी का निशुल्क टेस्ट किया जाता है और जिनको काला पीलिया -हैपेटाइटिस बी-मिलता है तो सातवें माह में फ्री दवाई शुरू कर दी जाती है और नवजात को भी हैपेटाइटिस बी का इम्युनोग्लोबिन तथा वैक्सिन लगाई जाती हैैै। पीजीआईएमएस के प्रसूति विभाग में हर माह 6 से 7 हैपेटाइटिस बी गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी करवाई जाती है।

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