विश्व लीवर दिवस : गर्भवती को हैपेटाइटिस-बी है तो 70% चांस वायरस बच्चे में जाएगा, फिर पूरी उम्र परेशान करेगा

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By - Ashwani kumar |19 April 2022 11:35 AM IST
मां से नवजात में यह वायरस जा सकता है। जिनमें किटाणु कम होते हैं उनमें 3 से 43 प्रतिशत तक यह संभावना होती है।
हरिभूमि न्यूज : रोहतक
काले पीलिया को जड़ से खत्म करने के लिए अब हर स्तर पर पहल हो रही है। गर्भवती को काले पीलिया से बचाना जरूरी हो गया है। क्योंकि जिन गर्भवती महिलाओं में हैपेटाइटिस बी मिलता है और कीटाणु भी ज्यादा होते हैं तो 70 प्रतिशत चांस हैं कि मां से नवजात में यह वायरस जा सकता है। जिनमें किटाणु कम होते हैं उनमें 3 से 43 प्रतिशत तक यह संभावना होती है। चिंता की बात ये है कि एक बार यह वायरस नवजात में आ जाए तो 90 प्रतिशत बच्चों को पूरी उम्र परेशान करता है।
- पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के गैस्ट्रोएंट्रोलोजी विभागाध्यक्ष डॉ. प्रवीण मल्होत्रा ने बताया कि जिस महिला में हैपेटाइटिस बी और कीटाणु की मात्रा ज्यादा है तो सातवें महीने से काले पीलिए की दवाई शुरू करते हैं।
- गैस्ट्रोएंट्रोलोजी विभाग जोकि मॉडल ट्रीटमेंट सेंटर है। इस सेंटर में कुलपति डॉ. अनिता सक्सेना और निदेशक डॉ. एसएस लोहचब के दिशा-निर्देशन में हैपेटाइटिस-बी से ग्रस्त करीब 400 गर्भवती महिलाओं में रिसर्च की जिसमें 50 महिलाओं में कीटाणु मिले।
- गांवों में 20 प्रतिशत की सिजेरियन हुआ जोकि काले पीलिए रहित महिलाओं के मुकाबले समानांतर है। सरकार ने इसके तहत सभी टेस्ट और दवाइयां हर जिले के सरकारी अस्पताल, पीजीआईएमएस रोहतक व सरकारी मेडिकल कलोजों में निशुल्क दी जा रही है।
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