World Wrestling Championship : हिसार के खिलाड़ियों ने इटली में चमकाया हरियाणा का नाम, सचिन और हर्षिता ने जीते गोल्ड

World Wrestling Championship : हिसार के खिलाड़ियों ने इटली में चमकाया हरियाणा का नाम, सचिन और हर्षिता ने जीते गोल्ड
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गांव बास बादशाहपुर के सचिन मोर ने अंडर-17 सब जूनियर कुश्ती वर्ल्ड चैंपियनशिप में और गांव बास की हर्षिता ने वर्ल्ड कैडिट रेसलिंग चैंपियनशिप में हरियाणा के साथ देश का भी नाम रोशन किया है।

नारनौंद ( हिसार )

हरियाणा के पहलवान पूरे विश्व में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा कर देश के लिए सोना जीतने का काम कर रहे हैं। इसी कड़ी में हिसार के गांव बास बादशाहपुर के सचिन मोर ने इटली में आयोजित अंडर-17 सब जूनियर कुश्ती वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया है। मंगलवार को गांव पहुंचने पर सचिन का जोरदार स्वागत किया जाएगा। बास बादशाहपुर निवासी सचिन मोर पिछले सात सालों से शहीद भगत सिंह इंटरनेशनल स्पोर्ट्स अकेडमी मिर्चपुर में पहलवानी की ट्रेनिंग ले रहा है। सेमीफाइनल मुकाबले में सचिन ने यूक्रेन के पहलवान को हराकर फाइनल में प्रवेश किया और फाइनल मुकाबला ईरान के पहलवान के साथ हुआ जिसमें उन्होंने प्रतिद्वंद्वी के दो के मुकाबले छह अंक हासिल कर जीत हासिल की।

सतरोल खाप के पूर्व प्रधान इंदर सिंह ने बताया कि गांव के एक बेटे तथा बेटी ने गांव व खाप का नाम रोशन किया है। मंगलवार को ग्रामीण दोनों खिलाड़ियों का जोरदार स्वागत करेंगे। कोच अजय ढांडा ने बताया कि सचिन का निशाना हमेशा पदक पर रहता है। अकेडमी में उसने सुबह चार घंटे और शाम को चार घंटे कड़ा अभ्यास किया था। सचिन मोर के पिता नरेश ने बताया कि सचिन ने छठी कक्षा में पहलवान बनने की इच्छा जताई तो उसे मिर्चपुर अकेडमी में भेज दिया। खेल के साथ पढ़ाई में भी होशियार है। 12वीं कक्षा में उसने 81 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। माता भतेरी देवी ग्रहणी है। उसका ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने का सपना है। हमें उस दिन का बेसब्री से इंतजार है।

हर्षिता ने गोल्ड मेडल जीतकर किया नाम रोशन

नारनौंद। गांव बास की बेटी 16 वर्षीय हर्षिता ने इटली के रोम शहर में आयोजित वर्ल्ड कैडिट रेसलिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर गांव व देश का नाम रोशन किया। मंगलवार को गांव में पहुंचने पर उस वक्त जोरदार स्वागत किया जाएगा। हर्षिता का 69 किलोग्राम भार वर्ग में सेमीफाइनल में मुकाबला क्रोएशिया की पहलवान से हुआ था। उन्होंने उसको पटकनी देकर जीत हासिल की और फाइनल में जापान की पहलवान को 3-1 से हराकर देश के लिए गोल्ड मेडल जीत लिया। बास निवासी हर्षिता के पिता सतपाल मोर ने बताया कि जब वह पांचवी कक्षा में थी तभी उसने पहलवानी करने की सोची और मैदान में कूद पड़ी।

वो पढ़ाई में भी होशियार है। हर्षिता की मां ग्रहणी हैं। उसकी बड़ी बहन कीर्ति मोर और भाई गोरेश शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। हर्षिता का मनपसंद खाना चूरमाऔर ब्रेड का हलवा है और वह हर रोज दाल रोटी जरूर खाती है इसके साथ में बदाम, दूध, पनीर, जूस भी अपनी डाइट में शामिल करती है। कोच संजीव लोहान आर्य ने बताया कि हर्षिता बड़ी निडर है। किसी भी बड़ी पहलवान से टक्कर लेने में वह पीछे नहीं हटती। उसके इरादे से ही उसने यह उपलब्धि हासिल की है। भविष्य में वह और भी बड़ी खिलाड़ी बनकर ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने का काम करेगी।

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