Commonwealth Games 2022 : खेती बाड़ी व पशुपालन करते हैं पहलवान दीपक नेहरा के पिता, घर पर टीवी तक नहीं

Commonwealth Games 2022 : खेती बाड़ी व पशुपालन करते हैं पहलवान दीपक नेहरा के पिता, घर पर टीवी तक नहीं
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जब दीपक अंतर राष्ट्रीय खेलों में खेलने के लिए जाते हैं तो गांव के दूसरे लोग ही दीपक नेहरा के माता-पिता को उनकी हार जीत के बारे में अवगत करवाते हैं।

रोहतक : देश के लिए ब्रॉन्ज मेडल दिलाने वाले पहलवान दीपक नेहरा महम के निंदाना गांव के रहने वाले हैं। वे बहुत ही साधारण किसान परिवार से हैं। दीपक के पिता सुरेंद्र नहरा उर्फ ढिल्ला गांव में ही रहते हैं। वे खेती बाड़ी व पशुपालन करते हैं। बड़ी मुश्किल से ही परिवार का पालन पोषण होता है।

दीपक के पिता सुरेंद्र बारहवीं पास हैं, जबकि उनकी मां मुकेश कुमारी दसवीं पास हैं। घर में संसाधनों का काफी अभाव है। दीपक नेहरा के घर में टीवी तक नहीं है। जब दीपक अंतर राष्ट्रीय खेलों में खेलने के लिए जाते हैं तो गांव के दूसरे लोग ही दीपक नेहरा के माता-पिता को उनकी हार जीत के बारे में अवगत करवाते हैं। 21 वर्षीय दीपक नेहरा हिसार जिले के मिर्चपुर गांव में स्थित शहीद भगत सिंह कुश्ती एकेडमी में प्रशिक्षण ले रहे हैं। वे जब 9 साल के थे, तब उनके पिता ने नारनौंद के मिर्चपुर गांव की इस एकेडमी में उनको दाखिल करवाया था।

दीपक ने साल 2021 में रूस में आयोजित वर्ल्ड चैंपियनशिप में तीसरा स्थान प्राप्त किया था। जुलाई 2022 में ट्यूनिशिया में हुई अंडर कुश्ती में भी दीपक तीसरे स्थान पर रहा था। किर्गिस्तान में हुई एशियन चैंपियनशिप में भी अपने जौहर दिखा चुका है। कजाकिस्तान में हुई रैंकिंग सीरिज में भी वह विजेता रहा है। सितंबर में होने जा रही वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी वह अपनी ताकत का एहसास करवाना चाहता है। 2024 में होने वाले ओलंपिक खेलों में देश का नाम रोशन करने का सपना संजोए हुए है।


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