यमुनानगर-कुरुक्षेत्र-कैथल पंजाब बॉर्डर तक सरस्वती नदी का राजस्व रिकॉर्ड होगा दुरुस्त

यमुनानगर-कुरुक्षेत्र-कैथल पंजाब बॉर्डर तक सरस्वती नदी का राजस्व रिकॉर्ड होगा दुरुस्त
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मुख्यमंत्री मनोहर लाल की योजना से इस पर काम गहनता से चल रहा है अभी तक 122 गांव इस क्षेत्र के साथ लगते हैं हम सबको इस स्कीम से जोड़ा जाएगा तथा जो जो ट्रिब्यूटरीज सरस्वती नदी में आकर मिलती हैं उनका रिकॉर्ड भी प्रथम चरण में दुरुस्त किया जाएगा दूसरे चरण में पंजाब बॉर्डर से आगे सिरसा तक और इसके बाद राजस्थान का और उसके बाद गुजरात यानी के आदिबद्री से लेकर हरियाणा राजस्थान गुजरात का रिकॉर्ड भी निकाला जाएगा और उसको कहीं अगर बदलने की आवश्यकता है तो उसे बदला भी जाएगा।

कुरुक्षेत्र : सरस्वती हेरिटेज डेवलपमेंट बोर्ड के डिप्टी चेयरमैन धुमन सिंह किरमच ने हिरमी में आयोजित बोर्ड की एक बैठक में यह निर्णय लिया है इस कार्य को करने के लिए बैठक में उपस्थित यमुनानगर जिला के डीआरओ रामफल कटारिया कुरुक्षेत्र के डीआरओ राजबीर धीमान कैथल के गुरबख्श सिंह कानूनगो लाल सिंह कानूनगो की जिमेवारी तय की है।

बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच ने कहा कि अभी तक मुख्यमंत्री मनोहर लाल के संकल्प से जितनी भी सरस्वती की ट्रिब्यूटरीज व शाखाएं हैं उनका रिकॉर्ड दुरुस्त किया जाएगा। इसको लेकर 2018 की गजट नोटिफिकेशन अनुसार हरियाणा सरकार ने सरस्वती नदी वह इसकी लगती शाखाओं वह साथ में धरोहर के पुनरुत्थान एवं विकास के लिए आदि बद्री जिला यमुनानगर से लेकर पंजाब में बार्डर कैथल में सरस्वती के मुहाने तक इस के मध्य पड़ने वाले सभी चैनल सरस्वती के नाम से जाने जाते हैं लेकिन कहीं उनका नाम कहीँ सुरती है कहीं सरसती व कही सुरसती है इन सब का नाम अब रिवेन्यू रिकॉर्ड में दुरुस्त करके डाला जाएगा ताकि आने वाली पीढिय़ों को सरस्वती नदी के बारे में सही जानकारी प्राप्त हो सके।

उन्होंने कहा कि अभी तक जितने भी कार्य सरस्वती नदी वह इसके साथ लगती धरोहरों को बचाने तथा धरोहरों को विकसित करने का कार्यक्रम चल रहा है उन सब में एक आयाम यह रिवेन्यू रिकॉर्ड दुरुस्त करना भी है तथा रिवेन्यू रिकॉर्ड सबसे पुख्ता सबूत माना जाता है आज भी सरस्वती नदी इस क्षेत्र से बहती रही इसका प्रमाण राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज सरस्वती नदी की एंट्रियां हैं सरस्वती नदी इस क्षेत्र के लिए एक ऐसा आयाम है जो आने वाली पीढिय़ों के लिए वरदान साबित होगा। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री मनोहर लाल की योजना से इस पर काम गहनता से चल रहा है अभी तक 122 गांव इस क्षेत्र के साथ लगते हैं हम सबको इस स्कीम से जोड़ा जाएगा तथा जो जो ट्रिब्यूटरीज सरस्वती नदी में आकर मिलती हैं उनका रिकॉर्ड भी प्रथम चरण में दुरुस्त किया जाएगा दूसरे चरण में पंजाब बॉर्डर से आगे सिरसा तक और इसके बाद राजस्थान का और उसके बाद गुजरात यानी के आदिबद्री से लेकर हरियाणा राजस्थान गुजरात का रिकॉर्ड भी निकाला जाएगा और उसको कहीं अगर बदलने की आवश्यकता है तो उसे बदला भी जाएगा।

उन्होंने कहा कि जिस तरह से पिछले 2 साल से सरस्वती नदी में पानी चल रहा है वह किसानों के लिए वह जीव जंतुओं के लिए बहुत ही रामबाण सिद्ध हो रहा है अभी तक देखने में आया है कि जितने भी गांव सरस्वती के किनारे पर पड़ते हैं सब का वाटर लेवल बढ़ा है यह बात सब लोगों ने मानी है एक रिसर्च भी इसके ऊपर की जा रही है इससे पहले भी सरस्वती नदी के ऊपर बहुत सी रिसर्च की गई हैं अब इस रिसर्च पर भी ध्यान दिया जा रहा है कि क्या जो पानी सरस्वती में बह रहा है उसकी वजह से वाटर लेवल कितना बड़ा है इस पानी से किसानों के चेहरे खिले हैं क्योंकि सरस्वती नदी व इसकी सभी शाखाएं कच्ची हैं और जितना भी पानी इन में आता है वह एकदम से सीधा रिचार्ज होकर धरती में चला जाता है तो यह बड़ी बात इस क्षेत्र के लिए सरस्वती का एक तरह से आशीर्वाद है जो कि आने वाले समय में बहुत बड़ा फायदा इससे होगा। इस अवसर पर उनके साथ कार्यकारी अभियन्ता अरविंद कौशिक, मनीष बब्बर, यमुनानगर नितिन भट एक्शन कैथल प्रशांत शर्मा सरस्वती बोर्ड के कंसलटेंट जीएस गौतम बोर्ड की रिसर्च अधिकारी डॉक्टर दीपा वह अन्य अधिकारीगण मौजूद थे।

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