Exam Tips : परीक्षा के तनाव से बचाएगा योग, याददाश्त होगी तेज, नहीं होगी थकान

तपस्वी शर्मा. झज्जर : इस माह में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड और सीबीएसई की परीक्षाएं शुरू होने जा रही है। परीक्षाओं के नजदीक आते ही विद्यार्थी मानसिक दबाव लेने लगते है। परीक्षाओं के साथ-साथ अभिभावकों का भी अधिक अंक लाने और टॉप में स्थान बनाने का दबाव भी विद्यार्थियों पर रहता है। जिसके चलते अनिद्रा, तनाव, याद किया हुआ भूल जाना आदि समस्याओं से विद्यार्थी परेशान होने लगते है। ऐसे समय में विद्यार्थी योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाकर इन समस्याओं से बच सकते है। नागरिक अस्पताल में कार्यरत योगाचार्य बलदेव ने बताया कि योग करने से जहां शरीर स्वस्थ व बलिष्ठ बनता है, वहीं मानसिक शांति व तनाव से मुक्ति भी मिलती है। उन्होंने बताया कि यदि विद्यार्थी इन दिनों सूर्य नमस्कार, प्राणायाम, भ्रामरी, हलासन, मर्कट आसन, भुजंग आसन करते है तो उन्हें तनाव से मुक्ति मिलेगी, यादाश्त तेज होगी और थकान भी नहीं होगी।
एकाग्रता की कमी के चलते होते है विद्यार्थी परेशान : बकौल योगाचार्य बलदेव परीक्षा के दिनों में विद्यार्थी एकाग्रता की कमी के चलते तनाव की स्थिति में आ जाते है। याद किया हुआ भूलने लगते है और बीमारियों की चपेट में आने लगते है। ऐसे में योग मन और मस्तिष्क को एक्राग करने में मदद करता है। इसलिए विद्यार्थियों को समय निकालकर सुबह व सांय कम से कम बीस मिनट सूर्य नमस्कार, प्राणायाम, भ्रामरी, मर्कट आसन, भुजंग आसन का अभ्यास करना चाहिए।
अनुलोम-विलोम से होता है नाड़ी शोधन : बकौल योगाचार्य बलदेव प्राणायाम का बहुत महत्व है। प्राणायाम में अनुलोम-विलोम जरूर करना चाहिए। उन्होंने बताया कि अनुलोम-विलोम करने से नाड़ी शोधन होता है। इसके अभ्यास से हमारी 72 हजार नाड़ियों का शोधन होता है। उन्होंने बताया कि अगर नाड़ियां शुद्ध होंगी तो मल हमारा साफ होगा। जिससे ब्लड सरकुलेशन ठीक होगा और मानसिक शांति मिलेगी व अवसाद दूर होगा।
सूर्य नमस्कार शरीर के लिए है पूर्ण व्यायाम : बकौल योगाचार्य बलदेव सूर्य नमस्कार पूर्ण व्यायाम है। सभी लोगों को इसका अभ्यास प्रतिदिन जरूर करना चाहिए। इसके अलावा प्रतिदिन 10 से 15 मिनट तक मेडिटेशन व ओम का उच्चारण करना चाहिए। ओम के उच्चारण से ब्रेन की सूक्ष्म नाड़ियों का शोधन होगा। जिससे तनाव नहीं होगा और विद्यार्थी अपनी परीक्षा की तैयारी सजहता से कर पाएंगे। इसके अलावा विद्यार्थी हलासन, भुजंग आसन, मर्कट आसन का भी प्रतिदिन अभ्यास करें। जिससे यादाश्त तेज होगी और थकान भी नहीं होगी। उन्होंने बताया कि भुजंग आसन करने से लंबे समय तक पढ़ाई करने पर कमर और गर्दन में दर्द नहीं होगा और मस्तिष्क को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन भी मिलेगी। इसके अलावा नींद की कमी महसूस नहीं होगी और आंखों में दर्द भी नहीं होगा।
इन बातों का रखें ध्यान
- स्वास्थ्य ठीक नहीं होने पर अनुलोम-विलोम न करें।
- आराम-आराम से सांस अंदर ले और बाहर छोड़े।
- कमर या पैर में परेशानी हो तो सूर्य नमस्कार न करें।
- पेट में दर्द से परेशानी या हर्निया हो तो भुजंग आसन न करें
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