गर्लफ्रेंड को महंगे गिफ्ट देने के लिए वाहन चोर बन गया युवक, 14 बाइक और 3 साथियों सहित गिरफ्तार

हरिभूमि न्यूज : करनाल
पुलिस करनाल की वाहन चोरी निरोधक दस्ता टीम इंचार्ज उप निरीक्षक रोहताश की अध्यक्षता में टीम ने वाहन चोरी की वारदातों को अंजाम देने वाले एक नाबालिग सहित चार आरोपियों गुरजन्ट उर्फ जन्टा, ताहिर उर्फ राहुल, गुरप्रीत उर्फ गोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से चोरीशुदा 14 बाइक बरामद की हैं। टीम ने आरोपी गुरजन्ट वासी गांव संगोहा जिला करनाल को चोरी की बाइक सहित गिरफ्तार किया था। आरोपी ने करनाल के विभिन्न थाना क्षेत्रों से बाइक चोरी की नौ वारदातों को अंजाम देना कबूला। उसके कब्जे से सात बाइक बरामद की गई।
जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी ने अपनी प्रेमिका को मंहगे उपहार व रुपए देकर खुश करने के लिए बाइक चोरी की वारदातों को अंजाम देना शुरू किया था। आरोपी ने बताया कि वह और बाइक चोरी करके इन्हें बेचने के लिए अपने घर ही सेल-परचेज का काम शुरू करने वाला था। आरोपी को पुलिस रिमाण्ड पर लिया गया। टीम द्वारा दूसरे आरोपी ताहिर उर्फ राहुल वासी गंगोह उत्तर प्रदेश हाल मंगलपुर चौक करनाल को चोरी की एक बाइक सहित कुंजपुरा रोड करनाल से गिरफ्तार किया गया। आरोपी ने बाइक चोरी की दो वारदातों को अंजाम देना कबूला। जांच में खुलासा हुआ की आरोपी एक आदतन अपराधी है और उसके खिलाफ पहले भी बाइक चोरी के चार मामले दर्ज हैं। वह फिलहाल जमानत पर बाहर आया हुआ था। उसे न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
तीसरे आरोपी गुरपीत उर्फ गोपी वासी गांव संगोहा जिला करनाल को चोरी की एक बाइक सहित नेवल से गिरफ्तार किया गया। आरोपी ने बाइक चोरी की तीन वारदातों को अंजाम देना कबूला। वह नशा पूर्ति के लिए बाइक चोरी करता था। उसे न्यायिक हिरासत में भेजा गया। वंही टीम द्वारा एक नाबालिग को चोरी की एक बाइक सहित मंगलपुर करनाल से काबू किया गया। उसने चार वारदातों को अंजाम देने कबूला। इस प्रकार चारों आरोपियों के कब्जे से चोरीशुदा कुल 14 मोटरसाइकिलें बरामद की गई है। जांच में खुलासा हुआ कि काबू किया गया नाबालिक एक आदतन अपराधी है। पहले भी इसके खिलाफ महिला के कान की बाली स्नैचिंग करने का मामला दर्ज है। नाबालिग को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश करके बाल सुधार गृृह भेजा गया।
सप्लेंडर मोटरसाइकिलों को निशाना बनाते थे
जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी ज्यादातर सप्लेंडर मोटरसाइकिलों को निशाना बनाते थे। वे प्राय बिना पार्किंग के भीड़भाड़ वाले एरिया में खड़े वाहन या बिना पार्किंग के ही एंकात जगह में खड़ी मोटरसाइकिलों को निशाना बनाते थ। जिसके बाद आरोपी वाहन की रैकी करते थे और मौका पाकर मोटरसाईकिल में पुरानी चाबी या डुप्लीकेट चाबी लगाकर लॉक खोलकर या फिर लॉक खुली मोटरसाइकिलों का प्लग निकालकर उन्हें डायरेक्ट करके चोरी की वारदातों को अंजाम देकर फरार हो जाते थे।
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