डेंगू से हार गया खून देकर दूसरों की जान बचाने वाला युवक

डेंगू से हार गया खून देकर दूसरों की जान बचाने वाला युवक
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प्लेटलेट्स अचानक कम हो जाने से अमित सैनी की मौत हो गई। दोस्तों को यकीन नहीं हो रहा कि जिस अमित ने अनगिनत मरीजों की जान प्लेटलेट्स देकर बचाई, वह खुद प्लेटलेट्स गिरने से दम तोड़ गया।

हरिभूमि न्यूज. कैथल

एक आवाज पर बिना सोचे समझे जरूरतमंदों को रक्तदान करने पहुंचने वाला अमित डेंगू ( Dengue ) से हार गया। प्लेटलेट्स अचानक कम हो जाने के कारण अमित सैनी की मौत हो गई। दोस्तों को यकीन नहीं हो रहा कि जिस अमित ने अनगिनत मरीजों की जान प्लेटलेट्स देकर बचाई, वह खुद प्लेटलेट्स गिरने से दम तोड़ गया।

अमरगढ़ गामड़ी कैथल के 23 वर्षीय अमित सैनी हाल में जीरकपुर में रहता था। यहां वह अपना व्यवसाय करता था। वह रक्तदान अभियान में खूब योगदान देता था। दिन हो या रात वह हर समय रक्तदान के लिए तैयार रहता था। उसका ब्लड ग्रुप ए पॉजिटिव था। दो साल पहले वह महाकाल ब्लड सेवा ग्रुप बरवाला से जुड़ा था। इस दौरान उसने 10 बार प्लेटलेट्स और 10 बार रक्तदान किया था। संस्था के अध्यक्ष शुभम का कहना है कि ग्रुप पर खून की जरूरत संबंधी सूचना आने पर अमित सबसे पहले पूछता था कि ग्रुप कौन सा है। उसने कभी यह नहीं सोचा कि हर बार मैं ही क्यों खून दूं। कुछ दिनों पहले पीजीआई में भर्ती एक गर्भवती महिला को प्लेटलेट्स देकर उसके बच्चे की जान बचाने में भी अमित ने योगदान दिया था।

अमित एक हफ्ते से पीडि़त था। इस दौरान कैथल और मोहाली के अस्पताल में 5 यूनिट प्लेटलेट्स चढ़ाई गई, लेकिन बुधवार को मोहाली के निजी अस्पताल में भर्ती अमित की प्लेटलेट्स गिरकर छह हजार पर पहुंच गईं। काफी प्रयासों के बावजूद प्लेटलेट्स नहीं बढ़ पाईं और अमित ने दम तोड़ दिया।


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