पुलिस भर्ती पेपर लीक के विरोध में युवाओं ने किया विरोध प्रदर्शन, बोले : दोबारा ऐसा नहीं होगा, गारंटी दे सरकार

पुलिस भर्ती पेपर लीक के विरोध में युवाओं ने किया विरोध प्रदर्शन, बोले : दोबारा ऐसा नहीं होगा, गारंटी दे सरकार
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युवाओं ने नारनौल के सिंघाना चौक नेताजी पार्क के पास एकत्रित होने के बाद लघु सचिवालय तक किया प्रदर्शन, वहां सीएम के नाम सीटीएम के रीडर को सौंपा ज्ञापन।

हरिभूमि न्यूज : नारनौल

प्रदेश में सिपाही भर्ती पेपर लीक मामले को लेकर युवाओं में खासा रोष है। इसके विरोध में मंगलवार को युवाओं ने शहर में सिंघाना रोड नेताजी सुभाषचंद्र बोस पार्क से लेकर लघु सचिवालय तक रोष प्रदर्शन निकाला और वहां सीएम के नाम सीटीएम की गैरमौजूदगी में उनके रीडर को ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने सरकार से भविष्य में आयोजित की जाने वाली नौकरियों की परीक्षा में पेपर लीक कांड की पुनरावृति नहीं होने देने की गारंटी मांगी और आरोपितों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।

युवाओं का नेतृत्व कर रहे संजय कुमार एवं नरेंद्र कुमार ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए संयुक्त रूप से कहा कि प्रदेश में पेपर लीक कांड आए दिन की बात हो गई है और इससे युवाओं का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि सात अगस्त को पुलिस भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी, लेकिन यह पेपर लीक हो गया और सरकार द्वारा परीक्षा रद कर दी गई। उन्होंने कहा कि इस भर्ती की प्रदेश के लाखों युवाओं ने कड़ी मेहनत करके तैयारी कर रखी थी। इस नौकरी को लेकर उन्होंने और उनके परिवारजनों ने सपने संजो रखे थे और इसकी तैयारी पर प्रत्येक युवा द्वारा हजारों रुपये खर्च किए गए, ताकि उनकी प्रतियोगी परीक्षा में मेरिट आए और वह नौकरी लगें, लेकिन इन सबके बावजूद पेपर लीक हो गया और एक ही झटके में परीक्षा रद कर दी गई। इससे उन युवाओं ही नहीं, उनके परिवारजनों खासकर आश्रितों के सपने टूटकर बिखर गए। इससे बेरोजगार युवाओं में हताशा एवं निराशा के भाव उभरे हैं। यह बेहद खराब स्थिति है और इस पर पूर्णतया लगाम लगनी चाहिए। उन्होंने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि फरवरी-2021 में ही सरकार द्वारा ग्राम सचिव की भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसका पेपर भी लीक हुआ था, लेकिन उससे भी सरकार ने कोई सबक नहीं लिया। उस तैयारी में भी बेरोजगार युवक-युवतियां जोर-शोर से जुटे थे, लेकिन सब बंटाधार हो गया।

युवाओं के साथ बताया धोखा

ज्ञापन में युवाओं ने बताया है कि प्रदेश में बड़े पैमाने पर नौकरियों में घोटाले होते थे, लेकिन जब मनोहरलाल सीएम बने तो इस पर लगाम लगी और सरकार की ईमानदार छवि उभरी। बिना पर्ची बिना खर्ची का मुहावरा खूब लोकप्रिय हुआ, लेकिन अब जिस प्रकार पेपर लीक कांड हो रहे हैं, उससे विश्वास डगमगा गया है। घोटालेबाज लाखों-करोड़ों रुपये खर्च करके पेपर खरीद लेते हैं और इससे बदनाम सरकार होती है। इसे रोका जाना चाहिए।

युवाओं ने दिए हैं सु­झाव

ज्ञापन में युवाओं ने पेपर लीक कांड की आलोचना करते हुए विभिन्न जिलों में हुई गिरफ्तारियों को सही ठहराते हुए और कड़े कदम उठाने की मांग सरकार से की है। साथ ही उन्होंने पेपर लीक करने, कराने वालों व खरीदने वालों की भी पहचान करने की मांग की है। उन्होंने भर्तियां निर्धारित समय सीमा में करने व भर्तियों का वार्षिक कैलेंडर बनाने का सु­झाव दिया है।


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