हाईकार्ट से ASP प्रवीर ठाकुर को महिला पुलिस कर्मी से यौन उत्पीड़न मामले में मिली राहत, जानें पूरा मामला

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के शिमला (Shimla) जिले के पूर्व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीर ठाकुर (Former Additional Superintendent of Police Praveer Thakur) को उच्च न्यायालय (Highcourt) ने राहत प्रदान की है। महिला पुलिस कर्मी से यौन उत्पीड़न केस (sexual harassment case) में हाईकोर्ट में न्यायाधीश ज्योत्सना रेवाल दुआ की खंडपीठ की ओर से सीसीएस रूल्स के तहत अनुशासनात्मक कमेटी के निर्देश पर विभागीय जांच के स्थान पर कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न कानून (sexual harassment law of women) के तहत गठित आंतरिक जांच कमेटी (आईसीसी) की रिपोर्ट को गलत ठहराया है।
ये बातें भी आई सामने
स्थानीय मीडिया की खबरों के अनुसार, उच्च न्यायालय ने माना कि एडिशनल एसपी प्रवीर ठाकुर को जो मेमोरेंडम आईसीसी ने दिया। बल्कि वह उन्हें नहीं, विभागीय जांच कमेटी को दिया जाना था। वहीं अब उसके खिलाफ पुलिस मुख्यालय को विभागीय जांच कराने पर निर्णय करना होगा।
महिला हेड कांस्टेबल ने एएसपी के खिलाफ दर्ज कराया भा शरीरिक उत्पीड़न का मामला
आपको बता दें शिमला में तैनात एक महिला हेड कांस्टेबल (female head constable) द्वारा इसी वर्ष 13 मई को महिला थाने में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीर ठाकुर पर शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न (physical and mental harassment) का मामला दर्ज करवाया था। एएसपी पर ही महिला पुलिस कर्मियों से कार्यस्थल पर उत्पीड़न की शिकायत की जांच करने का जिम्मा था। इन स्थितियों में पुलिस मुख्यालय की ओर से शिकायत के साथ ही कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न रोकथाम कमेटी को भी जांच के निर्देश दे दिए। जिसको एएसपी (ASP) की ओर से उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी।
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