हिमाचल में बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत, नहीं बढ़ेगी बिजली की दरें

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में कोरोना संकट (corona crisis) के बीच राज्य विद्युत नियामक आयोग ने प्रदेश के 18 लाख उपभोक्ताओं को बड़ी राहत (Relief) दी है। विद्युत नियामक आयोग (Electricity Regulatory Commission) ने नए टैरिफ में किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं की है। इतना ही नहीं, उद्योगों से वसूले जाने वाले रात्रि शुल्क और पीक ऑवर्स शुल्क में भी कटौती की है। पहली जून से स्थापित होने वाले एनर्जी शुल्क में भी आयोग ने 15 फीसदी की कटौती कर दी है, जिससे उद्योगों को राहत मिलेगी।
आपको बता दें कि घरेलू उपभोक्ताओं के साथ-साथ किसानों द्वारा खेती में उपयोग की जाने वाली बिजली की दरों को आयोग ने यथावत रखा है। जाहिर है कि इस वर्ग के उपभोक्ताओं की बिजली की दरें नहीं बढ़ेंगी। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने सोमवार को प्रदेश में चालू वित्त वर्ष के लिए बिजली की दरों की घोषणा की। नई दरें आज से लागू होंगी।
वहीं आयोग द्वारा घोषित नई दरों में प्रदेश में 18 लाख के करीब घरेलू उपभोक्ताओं को राहत प्रदान की गई है। इनकी बिजली की दरें यथावत रहेंगी। किसानों द्वारा खेती के लिए उपयोग में लाई जाने वाली बिजली की दरें भी नहीं बढ़ेंगी। नए टैरिफ में उद्योगों को राहत प्रदान करते हुए आयोग ने इनके रात्रि शुल्क में 30 पैसे प्रति यूनिट तथा पीक ऑवर्स शुल्क में 50 पैसे प्रति यूनिट की कमी की है।
वहीं प्रदेश में नए लगने वाले उद्योगों को वर्तमान में घोषित एनर्जी शुल्क में 15 फीसद की कटौती की गई है। आयोग ने चालू वित्त वर्ष के लिए बिजली बोर्ड की वार्षिक राजस्व की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इसके लिए 6080.88 करोड़ की रकम मंजूर की है। किसानों व घरेलू उपभोक्ताओं को वर्तमान दरों पर दी जाने वाले बिजली के एवज में सरकार बोर्ड को 424 करोड़ से अधिक की उपदान राशि देगी। आयोग ने कहा कि प्रदेश में उद्योग बिजली की 60 फीसद खपत करते हैं।
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