हिमाचल में फिर आगे के लिए टले उपचुनाव, ये है बड़ी वजह

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में उपचुनाव को लेकर भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने एक बड़ा फैसला लिया है। निर्वाचन आयोग ने फतेहपुर विधानसभा सीट और मंडी लोकसभा क्षेत्र में फिलहाल उपचुनाव (by-election) नहीं कराने का निर्णय लिया है। आयोग ने यह फैसला राज्य के मुख्य सचिव की आपदा और फेस्टिवल सीजन (Festival Season) में कोरोना के मामले बढ़ने की आशंका के चलते लिया है। आपको बता दें कि मंडी और फतेहपुर सीट (Fatehpur seat) को खाली हुए छह महीने का समय पूरा हो रहा है। ऐसे में चुनाव आयोग छह महीने के भीतर उपचुनाव कराने के लिए बाध्य था।
मीडिया रिपोर्ट्स में मुताबिक, आयोग ने स्पष्ट कहा है कि वह केवल पश्चिम बंगाल की एक सीट पर उपचुनाव कराएगा और बाकी सीटों के चुनाव निरस्त कर दिए हैं। हिमाचल प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सी पालरासू ने बताया कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका, प्रदेश में हो रही बारिश से बाढ़ और आपदा का खतरा और त्योहारी सीजन के चलते फिलहाल उपचुनाव नहीं होंगे। हालांकि, आने वाले वक्त में स्थिति सामान्य होती है तो उस वक्त क्या आदेश जारी होते हैं, इस संबंध में अभी कुछ कहना उचित नहीं होगा।
वहीं नरेंद्र बरागटा के निधन से खाली हुई जुब्बल कोटखाई विधानसभा सीट और वीरभद्र सिंह के निधन से खाली हुई अर्की विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव की संभावना न के बराबर है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में एक वर्ष से भी कम समय बचेगा। इस वजह से यह दोनों सीटें भी खाली रहने की संभावना है। भारत निर्वाचन आयोग मंडी लोकसभा क्षेत्र में कुछ रिलेक्सेशन के साथ उपचुनाव करवा सकता है क्योंकि लोकसभा के अगले चुनाव 2 साल बाद होने हैं।
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