खुशखबरी: पेट्रोल पंप की तरह बनेंगे इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन

हिमाचल (Himachal Pradesh) की राजधानी शिमला में प्रदूषण को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों (electric vehicles) को बढ़ावा देने का कार्य तेज गति से जारी है। इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग के लिए पैट्रोल पंप की तरह जगह-जगह चार्जिंग स्टेशन (charging station) बनाएं जाएंगे। नगर निगम शिमला (Municipal Corporation Shimla) इसके लिए कंपनियों को जमीन मुहैया करवाएगा। चार्जिंग स्टेशन से होने वाली कमाई में निगम की भी हिस्सेदारी होगी। इसके लिए नियम व शर्तें तय की जा रही हैं। नगर निगम की जमीन पर यह चार्जिंग स्टेशन बनेंगे। तीन कंपनियों में ईईएसएल और राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अलावा एक स्टार्टअप कंपनी है जो इस चार्जिंग स्टेशन को लगाएंगी। इन कंपनियों ने देश के अन्य राज्यों में भी चार्जिंग स्टेशन्स बनाई हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबकि, नगर निगम का कहना है कि चार्जिंग स्टेशन से जो कमाई होगी उसे शहर के विकास पर खर्च किया जाएगा। केंद्र सरकार ईलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दे रही है। देश के कई राज्यों में ईलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन बन चुके हैं। हिमाचल आने वाले पर्यटकों के पास इलेक्ट्रिक वाहन हैं। अभी टुटीकंडी में एक चार्जिंग स्टेशन है। यदि ईलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना है तो इसके लिए जगह- जगह चार्जिंग स्टेशन होने चाहिए। निगम की यह मुहिम यदि सिरे चढ़ी तो इलेक्ट्रिक बसों और टैक्सियों समेत अन्य गाडिय़ों की चार्जिंग के लिए चालकों को अब भटकना नहीं पड़ेगा। आने वाले समय में शहर में बिजली संचालित वाहनों की संख्या बढऩे पर नगर निगम इन्हें चार्जिंग की सुविधा देगा। नगर निगम ने सर्कुलर रोड पर स्नो व्यू पार्किंग, ऑकलैंड, लांगवुड, लिफ्ट, अमर भवन जाखू, अड्डा विला अनाडेल, कैथू, चौड़ा मैदान, समरहिल, चक्कर, कच्चीघाटी, ढींगरा इस्टेट में स्थान चिन्हित किए गए हैं। स्टेशन के लिए कई स्थान चुने गए हैं। जल्द ही इसपर कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
वहीं एमसी प्रोजेक्ट अधिकारी वंदना ठाकुर का कहना है कि शिमला शहर में ईलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए जगह चयनित कर दी गई है। तीन कपंनियों ने चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए आवेदन किया है। नगर निगम इन्हें जमीन मुहैया करवाएगा। इन स्टेशनों के लिए बिजली की व्यवस्था राज्य बिजली बोर्ड से की जाएगी जो कंपनियां खुद इसके लिए व्यवस्था करवाएंगी। ईलेक्ट्रिक वाहनों से धरातल पर प्रदूषण में कमी के साथ-साथ रुपये की भी बचत होगी।
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