हिमाचल उपचुनाव: पूर्व CM दिवंगत वीरभद्र का नाम भुनाने की तैयारी में कांग्रेस, राठौर ने ठोका ये दावा

हिमाचल प्रदेश उपचुनावों में कांग्रेस पूर्व सीएम दिवंगत वीरभद्र सिंह का नाम भुनाने की तैयारी में है। वीरभद्र सिंह खुद मंडी से सांसद और अर्की व जुब्बल-कोटखाई विस सीटों से विधायक रहे थे। इसके अलावा फतेहपुर विस सीट भी वीरभद्र के असर की वजह से कांग्रेस 3 बार लगातार चुनाव जीती थी। कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश के उपचुनावों में मंडी लोकसभा सीट समेत विधानसभा की तीनों सीटों जुब्बल-कोटखाई, फतेहपुर व अर्की से मजबूत कार्ड खेल दिया है। कांग्रेस द्वारा पूर्व सीएम दिवंगत वीरभद्र सिंह का नाम भुनाने के लिए पूरी रणनीति बना ली गई है। आपको बता दें, वीरभद्र सिंह स्वयं मंडी लोकसभा सीट से सांसद और जुब्बल-कोटखाई, अर्की विधानसभा सीटों से विधायक रहे थे। इसके अतिरिक्त फतेहपुर में भी वीरभद्र सिंह के प्रभाव के चलते कांग्रेस यहां से लगातार तीन बार चुनाव जीतने में सफल रही थी।
मंडी लोस सीट से पार्टी उम्मीदवार प्रतिभा सिंह के नाम के साथ प्रतिभा वीरभद्र सिंह को जोड़कर ही कांग्रेस द्वारा अगली रणनीति साफ कर दी गई है। जिसकी वजह से मंडी उपचुनाव में वोटर्स की पूर्ण सहानुभूति बटोरने का प्रयास किया जा रहा है। फतेहपुर विस क्षेत्र में भी पूर्व के चुनावों में भी वीरभद्र सिंह का असर देखा जाता रहा था। यहां से वीरभद्र सिंह के विश्वासपात्र रहे सुजान सिंह पठानिया लगातार तीन बार विधायक बने थे। अब दिवंगत सुजान सिंह के पुत्र भवानी सिंह पर कांग्रेस ने पूर्ण भरोसा जाहिर किया है। यानी कि भवानी को फतेहपुर विस सीट से पार्टी उम्मीदवार बनाया है। सोलन जिले की अर्की विस सीट पर संजय अवस्थी के सामने विरोधियों कड़ी चुनौती पेश करेंगे। संजय अवस्थी द्वारा साल 2012 में विस चुनाव लड़ा गया था। उस वक्त वह लगभग दो हजार मतों से हार गए थे। जो कड़ी टक्कर मानी गई थी। इस कारण ही कांग्रेस ने अब संजय को उपचुनाव में यहां से टिकट दिया है।
वहीं प्रदेश कांग्रेस के सचिव राजेंद्र ठाकुर इस्तीफा देने के बाद भी चुनाव लड़ने या बगावत करते रहे तो कांग्रेस उम्मीदवार संजय अवस्थी की परेशानी बढ़ सकती हैं। अर्की विस सीट पर कांग्रेस को भितरघात से खुद को बचना होगा। जुब्बल-कोटखाई क्षेत्र से रोहित ठाकुर को टिकट यहां के वोटर्स को ध्यान में रखते हुए दिया गया है। कहा जाता है कि जुब्बल-कोटखाई के वोटर्स सदैव सत्ता संग रहते हैं। साल 2017 के चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार नरेंद्र बरागटा को जिताकर विधायक बनाया था। बरागटा की मौत के बाद सेब इलाके के बागवान भावी नेता प्रोजेक्ट करना चाहते हैं। इस सब के बीच रोहित पर कांग्रेस हाईकमान ने दांव खेला है। रोहित ठाकुर पूर्व सीएम रामलाल ठाकुर के पोते हैं।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने भाजपा पर साधा निशाना
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर का कहना है कि कांग्रेस ने उम्मीदवारों का ऐलान करने में बीजेपी से बाजी मार ली है। साथ ही चारों सीटों पर कांग्रेस जीत हासिल करेगी।
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