शिमला से मटौर के लिए फोरलेन प्रोजेक्ट को लेकर विवाद जारी, जानें क्या है पूरा मामला

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में शिमला से मटौर के लिए फोरलेन (Fourlane) प्रोजेक्ट को लेकर विवाद कायम है। लंबे समय से इस मार्ग को फोरलेन किए जाने का इंतजार चल रहा है, मगर हर बार नया विवाद इसमें खड़ा हो जाता है। अब शिमला से नम्होल व नौणी तक दो पैकेज में इस सड़क मार्ग को डबललेन किए जाने का प्रस्ताव दिया गया है, जिस पर सदन में विपक्ष ने विरोध जताया।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jai Ram Thakur) ने कहा कि राज्य सरकार भी ऐसा नहीं चाहती कि आधा मार्ग डबललेन हो और शेष फोरलेन। इसलिए उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Minister Nitin Gadkari) से इस विषय पर चर्चा कर दवाब बनाया है। सदन में विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू के सवाल का जवाब देते हुए सीएम ने कहा कि सरकार चाहती है कि पूरा मार्ग फोरलेन हो। अभी इसकी डीपीआर फाइनल नहीं हुई है।
ऐसे में पूरी दृढ़ता के साथ अपना पक्ष सरकार रखेगी। जयराम ठाकुर ने बताया कि इस पूरे मार्ग के छह पैकेज हैं, जिसमें शिमला से मटौर मार्ग को बांटा गया है। केंद्र सरकार को साफ कहा गया है कि पूरा मार्ग फोरलेन होना चाहिए। वर्ष 2018 में नितिन गडकरी ने इसका शिलान्यास किया था। उन्होंने कहा कि फोरलेन के लिए कुछ मापदंड रहते हैं। जिसमें ट्रैफिक का फ्लो भी देखा जाता है। जहां पर फ्लो कम है, वहां पर डबल लेन बनाने का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि ऐसे मार्गों के निर्माण में कटाव ज्यादा होता है, जिसमें खर्च भी ज्यादा रहता है।
वहीं एक साथ भू-अधिग्रहण करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि कांगड़ा की तरफ के पैकेज में टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। भगवार से हमीरपुर तक का काम नवंबर महीने तक शुरू कर दिया जाएगा। भगेड़ से हमीरपुर तक की स्टडी चल रही है। उन्होंने बताया कि इसमें पूरा पैसा केंद्र सरकार खर्च कर रही है।
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