प्रदेश में कोरोना ने घटाई बिजली की खपत, 70 लाख यूनिट की आई गिरावट

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में कोरोना के कहर के बीच बिजली (Lightning) की खपत घटी है। राज्य में जितनी बिजली की डिमांड पहले थी उतनी अब नहीं रही है। कई उद्योग इस दौरान बंद हुए हैं, जिनके नहीं चलने से इंडस्ट्रीयल लोड कम हो गया है। बिजली बोर्ड (power Board) को इसका नुकसान है, क्योंकि जिस दर से इंडस्ट्री को बिजली दी जाती है वो राशि बिजली को बेचकर नहीं मिल रही है। इन दिनों बेची जाने वाली बिजली चार रुपए प्रति यूनिट की दर से बिक रही है, जबकि उद्योगों की खपत ज्यादा है जिससे ज्यादा पैसा बिजली बोर्ड कमाता है। मगर कोरोना के कारण उद्योगों में लगातार तालाबंदी हो रही है, जबकि सरकार ने इंडस्ट्रीयल सेक्टर को खुला रखा हुआ है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू (Corona Curfew) के चलते सभी दुकानें भी बंद हैं, वहीं सरकारी (Government) दफ्तर भी बंद हैं। आंकलन के अनुसार बिजली की डिमांड में कुल गिरावट प्रदेश में 70 लाख यूनिट प्रतिदिन देखी जा रही है। उद्योगों रोजाना का बिजली लोड 190 लाख यूनिट तक रहता है, जो कि इन दिनों में 160 लाख यूनिट रह गया है , जिसमें 30 लाख यूनिट तक की कमी आई है। दुकानें बंद होने से उसमें 35 लाख यूनिट तक की कमी आई है, जबकि सरकारी दफ्तरों के बंद होने से पांच लाख यूनिट रोजाना की बिजली खपत कम हुई है।
वहीं आंकड़ों पर गौर करें तो इस समय प्रदेश बिजली बोर्ड के पास बिजली की उपलब्धता 290 लाख यूनिट रोजाना की है, जबकि प्रदेश की डिमांड 260 लाख यूनिट तक की आ रही है। 30 लाख यूनिट बिजली सरप्लस है, जिसमें से 15 लाख यूनिट बिजली बैंकिंग में दी जा रही है, तो शेष को बेचा जा रहा है। चार रुपए प्रति यूनिट की दर से यह बिजली बेची जा रही है, जिसके लिए बिजली बोर्ड ने पहले से करार कर रखे हैं।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS