कुल्लू व मनाली में हर मौसम में रहती है पर्यटकों की भारी भीड़, जाने क्या है खास विशेषता...

हिमाचल के कुल्लू की घाटी को देवताओं की घाटी भी कहा जाता है। बसंत ऋतु में यहां का मौसम बेहद सुहावना होता है। सर्दियों में यहां की चोटियां बर्फ की सफेद चादर से चमक उठती हैं। कुल्लू में द ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में भूरे भालू, हिम तेंदुए, बाघ और विभिन्न प्रकार के हिमालयी पक्षी देखें जा सकते हैं। कुल्लू से निकटतम रेलवे स्टेशन जोगिंद्रनगर है, जो 125 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कुल्लू जाने के लिए बस और टैक्सी आसानी से उपलब्ध होती है। हवाई मार्ग से यहां पहुंचने के लिए भुंतर एयरपोर्ट है, जो कुल्लू से मात्र तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कुल्लू जिले मनाली शहर की बात तो निराली है। यूं तो यहां हर मौसम में पर्यटकों की भीड़ रहती है, लेकिन बर्फबारी के दौरान इस शहर की रौनक कुछ अधिक बढ़ जाती है।
प्रकृति की गोद में बसी देवभूमि हिमाचल की खूबसूरती अन्य राज्यों से अलग है। हिमाचल पर प्रकृति ने वो नेमतें बख्शी हैं जो विदेशों में भी नहीं है। तभी तो इस छोटे से प्रदेश में मिनी स्विट्डरलैंड, छोटी काशी, मिनी ल्हासा जैसे कई शहर बसते हैं। इसी वजह से यहां पर्यटन कारोबार में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। खास बात यह है कि हिमाचल की हर ऋतु में घूमने का लुत्फ लिया जा सकता है। प्रदेश के कई स्थान ऐसे हैं जहां हर मौसम में घूमने की अलग ही अनुभूति होती है। धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ यहां साहसिक खेलों के जरिये भी प्रकृति को निहारने का मौका मिलता है।
कालका से राजधानी शिमला में पहाड़ों को चीरकर 102 सुरंगों से (पहले 103 सुरंगें थीं) होकर निकलती टॉय ट्रेन का सफर सभी को अपनी और आकर्षित करता है। प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए पिछले पांच साल के दौरान एशियन विकास बैंक की मदद से 900 करोड़ रुपये की करीब 25 परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है। प्रदेश के अनछुए पर्यटन स्थलों को विकसित करने की दिशा में प्रदेश सरकार काम कर रही है। 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस मनाया जा रहा है, ऐसे में प्रदेश के पर्यटन स्थलों की बात न हो, ऐसा नहीं हो सकता है।
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