कोरोना के खतरे को देखते हुए स्कूलों में अभी नहीं बनेगा मिड-डे मील, शिक्षा विभाग ने दिए ये निर्देश

कोरोना के खतरे को देखते हुए स्कूलों में अभी नहीं बनेगा मिड-डे मील, शिक्षा विभाग ने दिए ये निर्देश
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हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में स्कूल खुलने के बाद कोरोना का खतरा और बढ़ गया है। कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए शिक्षा विभाग ने स्कूलों में मिड-डे मील बनाने के लिए अभी मना किया हुआ है।

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में स्कूल खुलने के बाद कोरोना का खतरा और बढ़ गया है। कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए शिक्षा विभाग ने स्कूलों में मिड-डे मील बनाने के लिए अभी मना किया हुआ है। आपको बता दें कि राज्य में आज से सरकारी स्कूल (Government School) में आठवीं से 12वीं कक्षा के बच्चे रेगुलर कक्षाओं के लिए आने लगे हैं। लेकिन आठवीं कक्षा के बच्चों के लिए स्कूलों में मिड डे मील नहीं मिलेगा।

प्रारंभिक शिक्षा विभाग (Department of Elementary Education) ने निर्देश जारी किए हैं कि बच्चों को लंच साथ ही लाना होगा। सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा के बच्चों को दोपहर का खाना स्कूल में ही दिया जाता है लेकिन अभी इस बारे में शिक्षा विभाग को केंद्र की ओर से निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि कोविड का खतरा अभी कम नहीं हुआ है ऐसे में स्कूलों में खाना बनाने का रिस्क नहीं लिया जा सकता।

कोरोना के संक्रमण को देखते हुए शिक्षा विभाग मिड डे मील को नवंबर तक शुरू नहीं करना चाहता। हालांकि अभी तक छात्रों को सूखा राशन घर तक ही पहुंचाया जा रहा है और आगे भी यह व्यवस्था जारी रहेगी। दिवाली के बाद शिक्षा विभाग की केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के साथ रिव्यू बैठक होगी। अगर इस बैठक में मंजूरी दी जाती है, तो फिर उसे शुरू किया जा सकता है। दिवाली के बाद कोरोना के मामले अगर कम हो जाते है, तो ऐसी स्थिति में पहली से लेकर आठवीं तक के छात्रों को स्कूल में ही दोपहर का पका हुआ खाना मिलेगा।

आपको बता दें कि पिछले डेढ़ साल से स्कूलों में छात्रों को दोपहर के खाने की जगह पर सूखा राशन दिया जा रहा है। कई ऐसे भी स्कूल है, जहां पर छात्रों को राशन न मिलने की शिकायतें आ रही है। शिक्षा विभाग ने इस बाबत भी सभी स्कूल प्रबंधन से रिपोर्ट तलब की है। वहीं अभी तक मिड-डे मील का जो रिकॉर्ड तैयार किया है उसके बारे में भी रिपोर्ट मांगी गई है।

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