दीपावली पर हुई आतिशबाजी के चलते सोलन की आबोहवा बिगड़ी, लोगों को सांस लेने में हो रही दिक्कत

दीपावली पर हुई आतिशबाजी के चलते सोलन की आबोहवा बिगड़ी, लोगों को सांस लेने में हो रही दिक्कत
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हिमाचल के सोलन में वैसे तो दिवाली पर तमाम उद्योग बंद रहे। इसके बाद भी सोलन के औद्योगिक क्षेत्र में आतिशबाजी की वजह से हवा की गुणवत्ता मॉडरेट जोन में पहुंच गई। इस वजह से यहां लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत महसूस हो रही है।

दिवाली (Diwali) के अवसर पर बेशक बीबीएन समेत पूरे हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में उद्योग बंद रहे। पर दिपावली के मौके पर लोगों के जमकर पटाखे फोड़ने और हवा दूषित (air contaminated) हो गई। सबसे बुरी स्थिति बद्दी, नालागढ़, डमटाल, कालाअंब, सुंदरनगर, मनाली व दूसरे शहरों की है। इस दौरान शिमला की आबोहवा संतोषजनक रही। वैसे प्रदूषण (Pollution) फैलाने वाले पटाखों पर पूरे हिमाचल प्रदेश में प्रतिबंध था। यहां बहुत कम लोगों ने ग्रीन पटाखे इस्तेमाल किए। प्रतिबंध के बाद भी रात आठ बजे से पहले व 10 बजे के बाद भी पटाखों की आवाज सुनाई दी।

आपको बता दें औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन का एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी कि एक्यूआई महीने में 15 दिन मॉडरेट जोन में रहता है। दिवाली पर वैसे उद्योग बंद रहे पर आतिशबाजी से उत्पन्न हुई प्रदूषण की स्थिति से हवा की गुणवत्ता मॉडरेट जोन में पहुंच गई। इस वजह से लोगों को सांस लेने में तकलीफ हुई।

जानकारी के अनुसार बद्दी का एयर क्वालिटी एंडेक्स सबसे अधिक 165, पीएम-10 197 और पीएम 2.5 -29.11 रहा जो बेहद गंभीर है। बीबीएन में करीब 3 हजार से ज्यादा छोटे बड़े उद्योग हैं। इन उद्योगों से निकलने वाले पार्टिकल यहां की आबोहवा में मिल जाते हैं। जिससे सीधा हवा की गुणवत्ता पर असर पड़ता है। इस वजह से यहां लगातार हवा प्रदूषित होती रहती है। आपको बता दें कि एयर क्वालिटी एंडेक्स में 0 से 50 तक अच्छा, 51-100 तक संतोषजनक, 101-200 तक मॉडरेट जोन, 201-300 खराब, 301-400 बहुत खराब श्रेणी में रखा जाता है।

दूसरी ओर नालागढ़ विकास मंच के अध्यक्ष नरेश घई ने बताया कि लोगों से ग्रीन पटाखे चलाने को कहा गया था। पर लोगों ने जमकर पटाखे चलाए। वहीं उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से भी पटाखे चलाने के लिए समय तय किया गया था। पर समयसीमा खत्म होने पर भी लोगों ने पटाखे फोड़ते रहे। इस दौरान पुलिस और स्थानीय प्रशासन मूकदर्शक बना रहा।

वायु गुणवत्ता इंडेक्स पर बनाए नजर

बद्दी का 165, नालागढ़ का 110, पांवटा का 96, कालाअंब का 77, ऊना का 72, धर्मशाला का 57, डमटाल का 53, मनाली का 50, सुंदरनगर का 46, परवाणू का 39, शिमला का 38 रहा।

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