हिमाचल से लेकर बिहार तक फर्जी डिग्री का खेल, प्रिंसिपल सहित इन लोगों की डिग्री मिली फर्जी

हिमाचल प्रदेश में फर्जी डिग्री मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। बता दें कि मानव भारती विश्वविद्यालय काफी समय से (Fake Degree Case) फर्जी डिग्री मामले में चर्चा का विषय बना हुआ था। लेकिन अब जो फर्जी डिग्री के खुलासे हुए हैं उन्हें जानकर आप चौंक जाएंगे। मानव भारती विश्वविद्यालय के बाद अब बिहार की मगध यूनिवर्सिटी में भी फर्जी डिग्रियों का भंडाफोड़ हुआ है। फर्जी डिग्रियां लेने वालों में हिमाचल प्रदेश के डेढ़ दर्जन लोग भी शामिल हैं। यही नहीं इनमें एक स्कूल प्रिंसिपल और एक दर्जन पूर्व सैनिक भी शामिल बताए जा रहे हैं। बिलासपुर जिले के रहने वाले एक (School Principal) स्कूल प्रिंसिपल की तो बीएससी, एमएससी और बीएड तीनों डिग्रियां फर्जी निकली हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमीरपुर विजिलेंस की चार सदस्यीय दल ने बिहार के मगध विश्वविद्यालय पहुंचकर 17 डिग्रियों की जांच की है। जांच में विश्वविद्यालय के कुलपति ने सभी 17 डिग्रियों को फर्जी बताया है। करीब एक हफ्ता विश्वविद्यालय में जांच-पड़ताल करने के बाद अब यह टीम बिहार से हिमाचल प्रदेश लौट आई है। इस मामले में अब बड़ी कार्रवाई की तैयारी हो रही है।
विजिलेंस में एफआईआर दर्ज होने के साथ ही फर्जी डिग्रियों के सहारे नौकरियां हासिल करने वाले सरकारी कर्मचारियों की बर्खास्तगी होगी। हालांकि इससे पूर्व मार्च 2018 में भी विजिलेंस टीम बिहार की मगध यूनिवर्सिटी में फर्जी डिग्रियों की जांच कर चुकी है। उस दौरान संबंधित डिग्री धारकों का कोई रिकॉर्ड विश्वविद्यालय में नहीं मिला था, लेकिन एफआईआर के बाद भी उस दौरान भी कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। अभी भी शिक्षा विभाग दोषी अध्यापकों पर कार्रवाई करने से पूर्व विजिलेंस की एफआईआर का इंतजार कर रहा है। हालांकि विशेषज्ञों की मानें तो अध्यापकों की फर्जी डिग्रियां पाए जाने पर शिक्षा विभाग दोषी अध्यापकों पर कार्रवाई की जाएगी।
साल 2004 की भर्ती में घालमेल
बता दें कि वर्ष 2004-05 में प्रदेश शिक्षा विभाग में अध्यापकों की भर्तियां हुई थीं। इसमें करीब दो दर्जन अभ्यर्थियों ने बिहार की मगध यूनिवर्सिटी से बिना परीक्षा दिए फर्जी सर्टिफिकेट और डिग्रियों के आधार पर नौकरी हासिल की। इस मामले की शिकायत राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो शिमला में की गई। इसके बाद हमीरपुर से विजिलेंस टीम मार्च 2018 में मगध विवि पहुंची। टीम ने एक हफ्ते तक विवि में अध्यापकों की डिग्रियों से जुड़े रिकॉर्ड खंगाले, लेकिन उन्हें न तो अध्यापकों के प्रवेश और न ही परीक्षाओं से जुड़े दस्तावेज मिले।
अब हो सकती हैं कार्रवाई
इसके बाद विजिलेंस ने रिपोर्ट मार्च में ही विजिलेंस मुख्यालय शिमला में जमा करवाई, लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी शिक्षा विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस मामले में एफआईआर के बाद कोर्ट में चालान पेश होना था, लेकिन अब दोबारा जांच होने और रिपोर्ट शिमला कार्यालय में जमा होने के बाद फर्जी डिग्री धारक सरकारी कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS