ट्रैकिंग करने छितकुल पहुंचे 11 में से 5 लोगों के मिले शव, अभी 6 की तलाश जारी

उत्तराखंड के उत्तरकाशी (Uttarkashi) के हर्षिल से हिमाचल के छितकुल (chitkul) में ट्रैकिंग के दौरान लापता हुए पांच ट्रैकरों के शव मिल गए हैं। वहीं दो लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है। इनमें से एक की हातल गंभीर बताई जा रही है। लापता चार लोगों की तलाश आईटीबीपी (ITBP) के जवान कर रहे हैं। जिस स्थान पर पांच ट्रैकरों (Trekkers) के शव मिले हैं वहां पर करीब चार फीट मौटी बर्फ (Snow) मिली है। सेना के हेलीकॉप्टर की मदद से शवों को बरामद किया गया है। डीसी किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने बताया कि सेना, आईटीबीपी और किन्नौर पुलिस ने संयुक्त रेस्क्यू अभियान चलाकर पांच लोगों के शव बरामद कर लिए हैं।
आपको बात दें कि रेस्क्यू टीम लगातार लापता लोगों की तलाश कर रही है। जल्द ही लापता लोगों को तलाश लिया जाएगा। जानकारी के अनुसार आठ पर्यटकों समेत 11 लोग लापता हो गए थे। समुद्रतल से करीब 20 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित लम्खागा पास चोटी में इस दल के लापता होने की सूचना उत्तराखंड सरकार ने हिमाचल सरकार को दी थी। जिसके बाद किन्नौर प्रशासन ने सेना, आईटीबीपी और पुलिस की मदद से रेस्क्यू आपरेशन चलाया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पश्चिम बंगाल और अन्य स्थानों के आठ पर्यटकों का दल मोरी सांकरी की एक ट्रैकिंग एजेंसी के माध्यम से 11 अक्तूबर को हर्षिल से रवाना हुआ था। इस दल ने बाकायदा वन विभाग उत्तरकाशी से 13 से 21 अक्तूबर तक लम्खागा पास तक ट्रैकिंग करने के लिए इनर लाइन परमिट भी लिया था। 17 से 19 अक्तूबर तक मौसम खराब होने के कारण ट्रैकरों का यह दल लम्खागा पास चोटी की ऊंचाई पर जाकर भटक गया।
जानकारी के मुताबिक टीम के सदस्यों की पहचान दिल्ली की अनीता रावत(38) पश्चिम बंगाल के मिथुन दारी(31) तन्मय तिवारी (30), विकास मकल (33) सौरभ घोष (34) सावियन दास (28), रिचर्ड मंडल (30), सुकेन मांझी (43) के तौर पर हुई है। खाना पकाने वाले कर्मचारियों की पहचान देवेंद्र (37), ज्ञान चंद्र (33) और उपेंद्र (32) के रूप में हुई है। ये सभी उत्तरकाशी के पुरोला के रहने वाले हैं। हादसे के बाद से मृतकों के परिवार का रो-रोकर बुराहाल है।
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