सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर रिश्तेदारों ने युवती से ठगे 15 लाख, घर भिजवाया ज्वाइनिंग लेटर

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के मंडी जिले के कोट गांव से एक ठगी (Cheating) का मामला सामने आया है। यहां सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर युवक ने एक रिश्तेदार से 15 लाख की ठगी की है। बता दें कि पीजीआई चंडीगढ़ (Chandigarh PGI) में सरकारी नौकरी (Job) लगवाने का झांसा देकर एक युवती से रिश्तेदारों ने 15 लाख रुपये की ठगी हुई है। ठगी का शिकार हुई युवती शिवानी ने इसकी शिकायत पुलिस को दी है। युवती की शिकायत पर हरियाणा के कालका में पुलिस (Police) ने केस दर्ज लिया है। हालांकि, अभी मामले में किसी आरोपित की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
पुलिस को दी शिकायत में युवती ने बताया कि उसकी बुआ की पोती विशाखा मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला की सरकाघाट तहसील के गांव कोट से हैं। विशाखा का पति संजीव कुमार पीजीआई चंडीगढ़ में बतौर सुपरवाइजर है। विशाखा ने शिवानी को झांसा दिया कि उसका पति संजीव उसे पीजीआई में पक्की नौकरी लगवा सकता है। कुछ दिन बाद विशाखा अपने पति संजीव के साथ शिवानी के घर कालका आ गई और दोनों ने कहा कि शिवानी को एलडीसी पर पक्की नौकरी पीजीआई चंडीगढ़ में लगवा देंगे, लेकिन इसके लिए 15 लाख रुपये लगेंगे।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शिवानी के घरवाले उनकी बातों में आ गए और उन्होंने उसी समय विशाखा और उसके पति संजीव को 75 हजार रुपये कैश भी दे दिए और बाकी रुपये उनके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करने की बात कही। इसके बाद इतनी बड़ी रकम को शिवानी अपने परिवार और रिश्तेदारों से इकट्ठा किया और विशाखा और संजीव के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करवाया। शिवानी की भाभी ने 3 लाख 60 हजार रुपये ट्रांसफर किए और शिवानी ने अपने खाते से 4 लाख 75 हजार रुपये, शिवानी की माता ने अपने खाते से एक लाख रुपये और शिवानी की भाभी ने अपने भाई से भी 2 लाख रुपये संजीव के खाते में ट्रांसफर करवा दिए। शिवानी की भाभी के जीजा ने 2 लाख 10 हजार रुपये संजीव कुमार के बैंक अकाउंट में भेजे थे। ऐसे में कुल मिलाकर सभी लोगों ने पूरे 15 लाख रुपये संजीव कुमार के खाते में भेज दिए।
शिवानी ने शिकायत में बताया कि फरवरी 2021 में उसे स्पीड पोस्ट के जरिये एक ज्वाइनिंग लेटर भी मिला। उस पर ज्वाइनिंग के लिए पीजीआइ चंडीगढ़ की अथॉरिटी के हस्ताक्षर और मुहर भी लगी हुई थी। शिवानी ने संजीव से बात की तो उसने बताया कि यह लेटर पीजीआई की तरफ से आया है, लेकिन अभी उसे पीजीआई जाने की जरूरत नहीं है। शिवानी ने बताया कि उसे कुछ शक हुआ कि यह पत्र संजीव कुमार ने किसी से मिलीभगत करके फर्जी तरीके से तैयार करके उसे भिजवाया है। जिसके बाद उसने इसकी शिकायत पुलिस से की। फिलहल पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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