Himachal: अर्की विस सीट से बीजेपी में टिकट को लेकर जंग तेज, पूर्व विधायक गोविंद राम शर्मा जता रहे अपना हक

Himachal: अर्की विस सीट से बीजेपी में टिकट को लेकर जंग तेज, पूर्व विधायक गोविंद राम शर्मा जता रहे अपना हक
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हिमाचल प्रदेश में अर्की से दो बार बीजेपी विधायक रहे गोविंद राम शर्मा का साल 2017 के विधानसभा चुनाव में टिकट कट गया था। उस दौरान तत्कालीन सीएम वीरभद्र सिंह को कांग्रेस ने इस सीट से चुनाव लड़ाया था। वहीं उपचुनावों के ऐलान के साथ ही पूर्व विधायक गोविंद राम शर्मा एक फिर से मुखर हो गए हैं।

हिमाचल प्रदेश में उपचुनाव (Himachal Pradesh by-elections) का ऐलान हो जाने के बाद अभी बीजेपी (BJP) की प्रदेश चुनाव समिति की मीटिंग होनी है। पर मीटिंग से पहले ही अर्की विधानसभा सीट (Arki assembly seat) से बीजेपी से टिकट की जंग तेज हो गई है। अर्की के पूर्व विधायक गोविंद राम शर्मा (Govind Ram Sharma) एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं। वो इस बार यहां से टिकट पर अपना हक जता रहे हैं। उनका कहना है कि वह कुछ दिन पहले ही नई दिल्ली पहुंचकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से मुलाकात करके आए हैं। साथ ही वह सीएम जयराम ठाकुर, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप, भाजपा प्रभारी अविनाश राय खन्ना व अन्य पार्टी नेताओं के समक्ष भी यह स्थिति साफ कर चुके हैं।

आपको बता दें अर्की से दो बार बीजेपी एमएलए रहे गोविंद राम शर्मा का साल 2017 के विस चुनाव में टिकट कट गया था। उस दौरान तत्कालीन सीएम वीरभद्र सिंह को कांग्रेस ने यहां से टिकट दिया था। ऐसे में बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने लगातार दो बार सिटिंग विधायक रहे गोविंद राम का टिकट काट दिया था। उस वक्त भाजपा ने अर्की नए चेहरे रतन पाल सिंह को चुनाव लड़ाया था। गोविंद राम ने इसे पार्टी का आदेश माना और रतन पाल सिंह के पक्ष में प्रचार किया था। रतन पाल सिंह उस वक्त वीरभद्र सिंह से करीब 7 हजार मतों से हार गए थे। कम अंतर से हारने, संगठन महामंत्री पवन राणा व अन्य पार्टी नेताओं से करीबियां होने की वजह से रतन पाल सिंह उपचुनाव में अर्की से बीजेपी टिकट के प्रबल दावेदार हैं। टिकट कटने, बाद जयराम सरकार में जगह नहीं मिलने पर गोविंद राम शर्मा व उनके समर्थक नाराज चल रहे हैं। गोविंद राम शर्मा समेत अब उनके समर्थक अब टिकट को अड़ गए हैं। वर्तमान में रतन पाल सिंह बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं व एक निगम के अध्यक्ष भी हैं।

वहीं रतन पाल सिंह का कहना है कि वह और गोविंद राम शर्मा आपस में संपर्क में हैं। टिकट के संबंध में पार्टी का जो निर्णय होगा, उसे मानेंगे। साथ ही गोविंद भी पार्टी का आदेश मानेंगे। टिकट मांगना सभी का हक है। पर पार्टी का आदेश मानना हर कार्यकर्ता का कर्तव्य है।

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