हिमाचल कंडक्टर भर्ती परीक्षा: मुख्य आरोपी मनोज ने व्हाट्सएप के जरिये चार सॉल्वरों को भेजा था प्रश्नपत्र

हिमाचल कंडक्टर भर्ती परीक्षा: मुख्य आरोपी मनोज ने व्हाट्सएप के जरिये चार सॉल्वरों को भेजा था प्रश्नपत्र
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हिमाचल में कंडक्टर भर्ती परीक्षा के मुख्य आरोपी मनोज ने ही व्हाट्सएप के जरिये चार दोस्तों को पेपर भेजा था। पुलिस के अनुसार मनोज कुमार ने पूछताछ में बताया कि उसने परीक्षा केंद्र से अपने चचेरे भाई और एक दोस्त को मोबाइल से पेपर हल करने को भेजा था।

हिमाचल में कंडक्टर भर्ती परीक्षा के मुख्य आरोपी मनोज ने ही व्हाट्सएप के जरिये चार दोस्तों को पेपर भेजा था। पुलिस के अनुसार मनोज कुमार ने पूछताछ में बताया कि उसने परीक्षा केंद्र से अपने चचेरे भाई और एक दोस्त को मोबाइल से पेपर हल करने को भेजा था। मुकेश को जितने सवालों के जवाब आते थे, उसने वे मनोज को व्हाट्सएप से बता दिए थे। कंडक्टर अनिल ने पेपर आगे दो लोगों को भेजा था। इनमें से एक दोस्त ने पेपर के कुछ सवाल हल करके वापस भेज दिए, जबकि दूसरे दोस्त ने पेपर मीडिया में वायरल कर दिया। इस पूरे प्रकरण में कथित रूप से मनोज के अलावा चार युवक शामिल हैं। इनमें से एक युवक एचआरटीसी में दो साल से कंडक्टर की नौकरी कर रहा है, जबकि दूसरा रेलवे में को पायलट के रूप में हाल ही में चयनित हुआ है। चारों आरोपियों पर केस दर्ज हो गया है। ऐसे में दो युवकों की नौकरी पर तलवार लटक गई है। पुलिस के समक्ष युवक उनका भविष्य बचाने को गिड़गिड़ा रहे हैं।

प्रदेश में कंडक्टर भर्ती की लिखित परीक्षा का प्रश्नपत्र व्हाट्सएप से बाहर भेजने के मामले की जांच कर रही एसआईटी ने कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर से परीक्षा संबंधी सभी रिकॉर्ड तलब कर लिया है। वहीं पूछताछ में खुलासा हुआ है कि मुख्य आरोपी अभ्यर्थी मनोज ने दो दोस्त सॉल्वरों को प्रश्नपत्र व्हाट्सएप पर भेजा था। दो दोस्तों ने आगे दो और सॉल्वरों को पेपर भेजा था। यानी मनोज के अलावा आगे कुल चार युवकों को पेपर व्हाट्सएप के जरिये गया था। आरोपियों में एक एचआरटीसी कंडक्टर और दूसरा रेलवे का को पायलट भी शामिल है।

पुलिस कर्मचारी चयन आयोग की कार्यप्रणाली की भी जांच कर रही है। पुलिस इस पहलू पर जांच कर रही है कि मामले में आयोग ने भी बड़ी लापरवाही की है। आखिर परीक्षा केंद्र में अभ्यर्थी मोबाइल फोन कैसे ले गए। ऐसा भी माना जा रहा है कि प्रदेश भर के परीक्षा केंद्रों में सैकड़ों अभ्यर्थी अपने मोबाइल फोन ले गए हों और सॉल्वरों के सहारे पेपर किए हों। अगर ऐसा हुआ होगा तो इसका पूरा पता लगाना मुश्किल होगा।


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