हिमाचल बिजली बोर्ड कर रहा है 1500 आउटसोर्स कर्मियों को निकालने की तैयारी

हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड (Himachal Electricity Department) से 1500 आउटसोर्स कर्मियों को निकालने की तैयारी शुरू हो गई है। नवनियुक्त 1552 जूनियर टीमेट और जूनियर हेल्परों के पद संभालते ही आउटसोर्स पर लगे इन कर्मचारियों (Out Source Employe) को अब छुट्टी देने का फैसला हुआ है। हालांकि बोर्ड के इस फैसले का चारों तरफ विरोध हो रहा है। मजदूर संगठन सीटू ने इन कर्मचारियों की बहाली के लिए विधानसभा के घेराव (Legislative Assembly) की तैयारी शुरू कर दी गई है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बीते करीब सात-आठ वर्षों से बिजली बोर्ड ने स्टाफ की कमी के चलते ठेकेदारों के माध्यम से आउटसोर्स पर कई कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं। बीते दो-तीन वर्षों से इनकी सेवाएं बंद करने की तैयारी की जा रही थी, लेकिन बोर्ड में नई भर्तियां न होने से इन कर्मियों को सेवा विस्तार दिया जाता रहा। अब प्रबंधन की ओर से जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि जूनियर टीमेट और जूनियर हेल्परों के पद संभालते ही आउटसोर्स पर लगे लोगों की सेवाएं समाप्त की जाएं।
आपको बात दें कि हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर (Power Minister Mahendra Singh Thakur) ने एक सवा के जबाव में कहा कि वह 989 ऑउटसोर्स कर्मियों को जल शक्ति विभाग में मर्ज करेंगे। कैबिनेट में सरकार यह प्रस्ताव लाएगी। ऐसे में अब सवाल उठता है कि एक ही सरकार में ऑउटसोर्स कर्मियों के साथ दोहरा रवैया क्यों अपनाया जा रहा है।
एक विभाग जहां इन्हें कहीं ना कहीं रोजगार देने की बात करता है तो दूसरा रोजगार छीनने का फैसला लेता है। ऐसे में अब सरकार के फैसलों पर उंगुली उठ रही है। आउटसोर्स कर्मियों ने जब से अपनी जॉब जाने की बात सुनीं है जब से वह परेशानी में रहने लगे हैं। घरवाले भी नौकरी जानी बात सुनाकर टेंशन में पड़ गए हैं। कर्मचारियों को अभी भी नौकरी बचाने की जैसे-तैसे कोशिश कर रहे हैं।
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