हिमाचल सरकार का फैसला: राज्य में आने वाले पर्यटकों के 10 साल से कम उम्र के बच्चों के टेस्ट अनिवार्य नहीं

हिमाचल मंत्रिमंडल ने इंटरस्टेट मूवमेंट पर जारी पाबंदी को यथावत जारी रखने का बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत पहले की तरह रजिस्टे्रेशन पर आधारित अनुमति से ही आवाजाही हो सकेगी। इसके अलावा मंदिरों के खुलने पर अभी तक फैसला नहीं हो पाया है। कैबिनेट में इसके लिए अलग से एसओपी जारी कर राज्य आपदा प्रबंधन विभाग को निर्णय लेने के लिए कहा है। प्रदेश से बाहर और नाइट बस सर्विसेज पर भी कोई राहत नहीं दी है। यह सेवा फिलहाल बंद रहेगी। हालांकि पर्यटन के लिए नरमी दिखाते हुए मंत्रिमंडल ने सख्त नियमों को आसान बनाया है। कैबिनेट में मिली हरी झंडी के आधार पर अब पर्यटकों को पांच दिन की कड़ी शर्त के बजाय टू नाइट का ऑफर दिया गया है। पर्यटकों के कोविड टेस्ट की शर्त को भी सरल बनाया गया है। इसमें कहा गया है कि तीन प्रकार के टेस्ट की रिपोर्ट लेकर पर्यटक दो दिन के लिए भी हिमाचल आ सकते हैं। अधिकृत लैब से जारी होने वाली टेस्ट की मियाद अब 72 घंटे की बजाय 96 घंटे पहले की कर दी है। पर्यटन के लिए सबसे बड़ी राहत यह दी गई है कि राज्य में आने वाले पर्यटकों के 10 साल से कम उम्र के बच्चों के टेस्ट अनिवार्य नहीं होंगे।
मंत्रिमंडल की बैठक में सबसे अधिक चर्चा इंटरस्टेट मूवमेंट खोलने को लेकर हुई। गहन मंथन के बाद यह फैसला पारित किया गया कि मौजूदा स्थिति को यथावत लागू रखा जाए। उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में ई-कोविड पास की तर्ज पर प्रदेश में एंट्री के लिए रजिस्ट्रेशन के कड़े नियम बनाए गए हैं। पंजीकरण की इस जटिल प्रक्रिया को आवेदक को अपने ओरिजन तथा डेस्टीनेशन के दोनों प्रूफ देने की कड़ी शर्त लगाई गई है। खास है कि इसके बावजूद संबंधित उपायुक्त के रहमों कर्म पर अनुमति दी जाएगी।
यही वजह है कि केंद्रीय सरकार ने राज्य के सभी मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर इंटरस्टेट मूवमेंट खोलने को पत्र लिखा था। केबिनेट में हुई चर्चा के बाद राज्य सरकार ने इस पंजीकरण की जटिल प्रक्रिया को लागू रखने के पीछे ट्रैक एंड ट्रेसिंग मुख्य कारण बताया है। यानी बाहर से आने वाले लोगों के टेस्ट के लिए पंजीकरण बेहद जरूरी है। रात्रि बस सेवा के लिए भी अभी तक कैबिनेट ने हरी झंडी नहीं दी है। इसी तरह बाहरी राज्यों के लिए भी बस सेवा फिलहाल शुरू नहीं होगी। अब औसतन रोजाना आठ हजार लोगों की आवाजाहीः हिमाचल में प्रतिदिन चार हजार लोगों को रजिस्ट्रेशन के आधार पर बाहरी राज्यों से आवाजाही की छूट दी जा रही है। कैबिनेट ने निर्णय लिया है कि अब औसतन हर दिन आठ हजार लोगों को मंजूरी मिलेगी। हालांकि प्रतिदिन 18 से 20 हजार लोग आवाजाही के लिए रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं।
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