भांग की खेती को कानूनी दर्जा देने के पक्ष में हिमाचल सरकार, लोगों को मिलेगा रोजगार

हिमाचल प्रदेश में भांग (Cannabis) की खेती लीगल हो सकती है। प्रदेश में अभी तक इसको गैरकानूनी माना जाता था। लेकिन राज्य सरकार (Himachal Government) ने विधानसभा में इसे लीगल करने के संकेत दिए हैं। आपको बता दें भाजपा विधायक रमेश ध्वाला इस संबंध में विधानसभा में एक संकल्प प्रस्ताव लेकर आए थे। इसका सीएम जयराम ठाकुर (Cm Jairam thakur) ने जवाब दिया है।
हिमाचल विधानसभा में मुख्यमंत्री जयराम ठकुर (Chief Minister Jairam Thakur) ने कहा कि भांग की खेती को सरकारी नियंत्रण में करने से यह आय का बड़ा साधन बनाया जा सकता है। अन्य राज्य भी कानूनी तौर पर इसकी खेती की अनुमति देने लगे हैं। बता दें कि इसका इस्तेमाल दवा में होता है और इसे वस्त्र, जूतों व रस्सी बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। बहुत फायदे हैं। हालांकि, दूसरा पहलू यह है कि इसे नशे के तौर इस्तेमाल किया जाता है, जो युवाओं के भविष्य को खराब कर सकता है।
आपको बता दें कि सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि वह भांग की खेती को कानूनी दर्जा देने के पक्ष में हैं। 24 जून, 2004 को विधानसभा (Assembly) में गैर सरकारी दिवस पर इसी संकल्प को लेकर आए थे। इस संकल्प पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के जवाब से संतुष्ट होकर रमेश धवाला ने अपना संकल्प वापस ले लिया। बता दें कि एनडीपीएस एक्ट 1985 के तहत प्रदेश में भांग की खेती करना और बेचना कानूनी अपराध है।
वहीं इससे पहले भाजपा सदस्य रमेश धवाला (Ramesh Dhawala) ने संकल्प प्रस्तुत करते हुए कहा कि भांग नशे के लिए ही नहीं, बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए बेहतर है और एक रामबाण औषधि है। प्रदेश में भांग की खेती को कानूनी दर्जा मिलने से राज्य की आर्थिकी बेहतर हो सकती है। फिलहाल हिमाचल सरकार (Government of Himachal) इस पर विचार कर रही है।
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