बिलासपुर-लेह रेललाइन की अनुमानित लागत 83.5 हजार करोड़ से घटाकर अब 68 हजार करोड़ हुई

बिलासपुर-लेह रेललाइन की अनुमानित लागत 83.5 हजार करोड़ से घटाकर अब 68 हजार करोड़ हुई
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सामरिक, व्यापारिक और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण बिलासपुर-लेह रेलवे लाइन की अनुमानित लागत 15.5 हजार करोड़ कम हो गई है। हिमाचल में सर्वे का स्पॉट विजिट करने पहुंचे रेलवे लाइन परियोजना निदेशक ने 83.5 हजार करोड़ के बजाय अब 68 हजार करोड़ का एस्टीमेट बनाया है।

सामरिक, व्यापारिक और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण बिलासपुर-लेह रेलवे लाइन की अनुमानित लागत 15.5 हजार करोड़ कम हो गई है। हिमाचल में सर्वे का स्पॉट विजिट करने पहुंचे रेलवे लाइन परियोजना निदेशक ने 83.5 हजार करोड़ के बजाय अब 68 हजार करोड़ का एस्टीमेट बनाया है। इस रेलवे लाइन का अभी रडार सर्वे चला हुआ है।बीते शुक्रवार को हिमाचल पहुंचे परियोजना निदेशक टीम ने संरेखण अनुकूलन अध्ययन के बाद मेजर ब्रिज और सुरंगों की लंबाई कम की है।

पहले यह रेल मार्ग 52 फीसदी सुरंगों से बनना था लेकिन अब यह 51 फीसदी सुरंगों से बनेगा। बिलासपुर से लेह तक 124 मेजर ब्रिज बनने थे लेकिन अब इनकी संख्या 110 होगी। उक्त रेल मार्ग में पहले सबसे लंबी रेल सुरंग की लंबाई 27 किलोमीटर थी लेकिन अब सबसे लंबी सुरंग 13.5 किलोमीटर की होगी। उल्लेखनीय है कि बिलासपुर-लेह रेल मार्ग की प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने का काम जोरों से चल रहा है।

रक्षा मंत्रालय ने इसका दायित्व उत्तर रेलवे को सौंपा है। इस परियोजना की लागत राशि के लिए पहले 83.5 हजार करोड़ का आंकलन तैयार किया गया था। बीते शुक्रवार को हिमाचल पहुंचे परियोजना निदेशक ने रेलवे लाइन का अनुकूलन अध्ययन किया, जिसमें पाया कि सर्वे में कुछ बदलाव करके लागत राशि को कम किया जा सकता है।

उत्तर रेलवे की सारी टीम जिसमें अलाइनमेंट इंजीनियर, साइट इंजीनियर व अन्य लोग शामिल हैं, वे 25 सितंबर तक रेल लाइन का फिजिबिलिटी सहित संरेखण अनुकूलन अध्ययन करेंगे। अभी तक के अध्ययन में रेल लाइन के तहत बनने वाले ब्रिज और सुरंगों में कुछ बदलाव किए गए हैं। इससे परियोजना की लागत राशि आंकलन में कमी हुई है।


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