डिग्री कॉलेज़ में एडमिशन की मारामारी, शैक्षणिक संस्थानों में लौटी रौनक

हिमाचल में कोरोनाकाल के चलते शैक्षणिक संस्थानों में भले ही लंबे अरसे के लिए ताले लटक गये थे बावजूद इसके सरकार की कुछ ज़रूरी गाइडलाइंस के बाद एक बार फिर से शैक्षणिक संस्थानों में रौनक लौटनी शुरू हो चुकी है। बात अगर धर्मशाला में अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे डिग्री कॉलेज़ की करें तो यहां प्रदेशभर से छात्र शिक्षा ग्रहण करना अपना सौभाग्य समझते हैं। इसलिये चूंकि इस डिग्री कॉलेज़ से कई एल्मुनाई ऐसे भी हैं जिन्होंने राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और अभिनय के क्षेत्र में अपना लोहा मनवाया है और देश-विदेश में अपना वर्चस्व कायम किया है। सदाबहार फिल्मों के अभिनेता देवानंद की यादें तो हमेशा ही इस कॉलेज़ से जुड़ी रहेंगी। शायद यही वजह है कि यहां हर बार दाखिला लेने के लिये छात्रों में मारामारी लगी रहती है।
प्रदेश में कॉलेजों में साइंस, कॉमर्स और आर्ट्स की सीटों को भरने के लिए भले ही सरकार ने दाखिला तिथि बढ़ा रखी हो, बावजूद इसके धर्मशाला डिग्री कॉलेज़ में स्थिति इसके बिल्कुल उल्ट है, इसलिये, क्योंकि धर्मशाला में दो स्ट्रीम में सीटें पहले ही फुल हो चुकी हैं, जबकि, आर्ट्स के कुछ सबजेक्ट्स की खाली सीटों में दाखिले के लिए मारामारी देखने को मिल रही है।
हालांकि, सरकार की ओर से दोबारा एडमिशन लेने के लिए 15 अक्टूबर तक की तारीख बढ़ा दी गई हो बावजूद इसके धर्मशाला में साइंस और कॉमर्स की सीटें पहले ही फुल हो चुकी हैं, जबकि आर्टस में भी कुछ ही सबजेक्ट्स हैं, जिनमें अभी सीटें खाली बची हुई हैं। डिग्री कॉलेज धर्मशाला की अपनी एतिहासिक पृष्ठभूमि होने का लाभ ये है कि यहां न केवल धर्मशाला बल्कि प्रदेशभर से छात्र यहां आकर शिक्षा ग्रहण करना अपना सौभाग्य समझते हैं। यही वजह है कि यहां जब भी एडमिशन का दौर शुरू होता है। युवाओं में एडमिशन के लिए हमेशा मारामारी देखी जाती है।
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