हिमाचल फर्जी डिग्री मामला: दो यूनिवर्सिटीयों में दाखिलों पर लगाई रोक

हिमाचल फर्जी डिग्री मामला: दो यूनिवर्सिटीयों में दाखिलों पर लगाई रोक
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हिमाचल प्रदेश के निजी शिक्षण संस्थान पर नियामक आयोग ने मानव भारती और एपीजी यूनिवर्सिटीज में नए सत्र के लिए दाखिले पर रोक लगा दी है।

हिमाचल प्रदेश के निजी शिक्षण संस्थान पर नियामक आयोग ने मानव भारती और एपीजी यूनिवर्सिटीज में नए सत्र के लिए दाखिले पर रोक लगा दी है। बता दें कि दोनों यूनिवर्सिटीज पर पांच लाख से अधिक फर्जी डिग्रियां बेचने का आरोप है।

निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने सोलन जिले की मानव भारती यूनिवर्सिटी और शिमला की एपीजी यूनिवर्सिटी में एडमिशन पर कार्रवाई की है। ऐसे में अब दोनों विश्वविद्यालय 2020-21 सत्र के लिए एडमिशन नहीं करवा सकते हैं। इसके अलावा, निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने अनियमित्ताओं को लेकर इंडस इटरनेशनल यूनिवर्सिटी और अरनी यूनिवर्सिटी में दाखिलों पर भी रोक लगाई है।

यूजीसी की ओर से हिमाचल सरकार को इस संबंध में पत्र लिखा गया था। सोलन के कुमारहट्टी स्थित मानव भारती यूनिवर्सिटी ने 5 लाख फर्जी डिग्रियां बेची हैं। छानबीन के लिए एसपी सोलन की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया गया है। वहीं, शिमला की एपीजी यूनिवर्सिटी पर भी डिग्रियां बेचने का आरोप है। मानव भारती यूनिवर्सिटी से जुड़े मामले में पुलिस अब तक चेयरमैन, अस्सिटेंट रजिस्ट्रार सहित तीन गिरफ्तारियां कर चुकी है। इसके चैयरमैन को भी गिरफ्तार किया गया है। बीते माह चेयरमैन की बेल खारिज होने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। वहीं, मामले के तार राजस्थान से भी जुड़े हैं। यहां भी एक यूनिवर्सिटी से एसआईटी ने फर्जी डिग्रियां बरामद की थी।

मानव भारती यूनिवर्सिटी की जांच सोलन पुलिस की एसआईटी कर रही है और एपीजी की जांच सीआईडी की विशेष टीम को सौंपी गई है। आयोग ने बताया कि ऊना स्थित इंडस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी में फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी देने के मामले में और साथ ही कई तरह की अनियनित्ताओं पर जांच चल रही है। कांगड़ा स्थित अरनी यूविवर्सिटी में तो पिछले एक साल लगभग बंद पड़ी हुई है। वाइस चांसलर और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर चौकीदार तक का पता नहीं है। छात्रों का भविष्य अंधकार में है। अरनी विवि के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए कांगड़ा के एसपी को आयोग ने पत्र लिखा है।


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