शिक्षा विभाग का फैसला: अब छात्रों को परीक्षा देने के लिए 75 प्रतिशत हाजिरी जरूरी नहीं

हिमाचल में इस बार बोर्ड की परीक्षाएं देने वाले छात्रों के लिए फाइनल परीक्षाओं में 75 प्रतिशत की हाजिरी अनिवार्य नहीं होगी। शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं। वहीं स्कूलों को भी स्पष्ट कर दिया है कि वे छात्रों को हाजिरी के लिए दबाव न बनाएं। बोर्ड एग्जाम में भी छात्रों की हाजिरी को इस बार अनिवार्य नहीं किया जाएगा।
बता दें कि एचपी बोर्ड की ओर से बोर्ड के एग्जाम में 75 प्रतिशत की हाजिरी पूरी होने के बाद ही छात्रों को रोलनंबर जारी किए जाते थे। इसके साथ ही परीक्षा में भी छात्रों को बैठने नहीं दिया जाता था। 75 प्रतिशत हाजिरी पूरी होने के बाद बोर्ड एग्जाम में कुछ प्रतिशत अंक अटेंडेंस से ही जोड़े जाते थे, लेकिन कोविड की वजह से अब राहत देते हुए शिक्षा विभाग ने इस शैक्षणिक सत्र में 75 प्रतिशत की हाजिरी को लागू अनिवार्यता से हटा दिया है।
गौर हो कि सरकार ने दो नवंबर से नौवीं से 12वीं की कक्षाएं शुरू करने का फैसला ले लिया है। अब बोर्ड की परीक्षाएं भी नजदीक आ रही हैं, उधर कोरोना का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, ऐसे में शिक्षा विभाग के सामने बड़ी चुनौनियां सामने आ रही हैं। यही वजह है कि शिक्षा के सभी माध्यमों को खोलने का प्रयास विभाग ने किया है। ऑनलाइन व ऑफलाइन स्टडी माध्यमों को जारी रखा है।
फिलहाल लंबे समय से यह दुविधा चल रही थी कि आखिर बिना क्लासेज के कैसे 75 प्रतिशत हाजिरी को पूरा किया जाए। जानकारी के अनुसार कई जिलो में स्कूलों से छात्रों के नाम काटने को लेकर शिकायतें आ रही थीं। कई छात्र जो ऑनलाइन स्टडी से जुड़ नहीं पाए थे, उनका नाम काटने को कह दिया गया था। विभाग के पास इस तरह की शिकायत आने पर शिक्षा अधिकारी हरकत में आए।
स्कूल नहीं, तो ऑनलाइन जारी रखें पढ़ाई
उच्च शिक्षा विभाग की ओर से जारी किए गए आदेशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि छात्रों को ऑनलाइन व ऑफलाइन कक्षाएं लगाना जरूरी है। विभाग ने आदेशों में साफ किया है कि अगर कोई छात्र स्कूल में नहीं आ पाता है, तो वह मोबाइल पर ऑनलाइन स्टडी को जारी करे।
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