हिमाचल में कोरोना का डर, बच्चों को अभी स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं अभिभावक

हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूल 25 नवंबर के बाद भी खुलने तय नहीं हैं। राज्य में बढ़ते कोरोनावायरस को देखते हुए अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं हैं। बच्चाें के घर वाले चाहयते है कि जब कोरोना का खतरा कुछ कम हो तब बच्चों को स्कूल भेजा जाए। शिक्षा विभाग को जिला उपनिदेशकों के माध्यम से अभिभावकों के सुझाव आए हैं। इन सुझावों में अभिभावकों ने बढ़ रहे मामलों को देखते हुए कहा है कि अभी स्कूल, कालेज नहीं खुलने चाहिएं।
अभिभावकों का कहना है कि वे अपने बच्चों को वायरस के खतरे में नहीं डाल सकते। ऐसे में सरकार छात्रों को परमीशन पत्र के साथ भी छात्रों को स्कूल में बुलाने का फैसला न ले। इस तरह के सुझाव अभिभावकों ने उपनिदेशकों के माध्यम से सरकार तक पहुंचाए हैं। दरअसल शिक्षा विभाग ने उपनिदेशकों से कुछ एक अभिभावकों से सुझाव लेने को कहा था। यही वजह है कि उपनिदेशकों ने शिक्षा विभाग को रिपोर्ट सौंपी है, उसमें 80 प्रतिशत अभिभावक अभी स्कूल बंद रहना चाहते हैं।
उपनिदेशकों की रिपोर्ट आने के बाद ही शिक्षा विभाग ने रिपोर्ट तैयार की है। विभाग की ओर से सरकार को भेजे गए प्रोपोजल में एक दिसंबर तक छुट्टियों को बढ़ाने का प्रोपोजल भेजा है। वहीं अब सरकारी व प्राइवेट दोनों ही स्कूलों के शिक्षकों-छात्रों के सैंपल लिए जाने का प्लान है। ये सैंपल न केवल कोरोना के सिम्टम आने, बल्कि छात्र व शिक्षकों की संख्या के आधार पर लिए जाएंगे। बता दें कि प्रदेश में 103 छात्र कोरोना पॉजीटिव आ चुके हैं। इसके 300 से ज्यादा शिक्षक कोरोना पॉजिटिव आ चुके हैं।
कल होना है कैबिनेट की बैठक में फैसला
बताया जा रहा है कि 23 नवंबर को होने वाली कैबिनेट की बैठक में सरकारी स्कूल के छात्रों की छुट्टिया पहली दिसंबर तक बढ़ जाएंगी। इसके साथ ही अब शिक्षा विभाग ने प्रोपोजल में यह भी तैयार किया है कि जब स्कूल खुलेंगे, तो छात्र व शिक्षकों के रैंडमली कोरोना टेस्ट किए जाएंगे। शिक्षा विभाग ने यह फैसला लिया है।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS