Kullu Dussehra 2020: इस बार श्रद्धासुमन-दुपट्टे से लगेगी देवताओं की हाजिरी

Kullu Dussehra 2020: हिमाचल के कुल्लू में अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में प्राचीनतम समय से आने वाले जो देवी-देवता इस बार नहीं आए हैं, उनमें नाराजगी है। कारकून और हरियान भी मायूस हैं, क्योंकि यहां के लोग देवी-देवताओं के साथ जुड़े हैं। कोरोना संकट ने 'अठारह करडू की सौह' को उत्सव में आने नहीं दिया, लेकिन यदि उनके श्रद्धासुमन और दुपट्टा भगवान रघुनाथ जी के दर में चढ़ते हैं, तो उनकी हाजिरी भगवान रघुनाथ जी के रजिस्टर में जरूर लगेगी।
देवी-देवताओं के कारकूनों के लिए कोरोना संकट के बीच यह खुशखबरी है कि उनके आराध्य देवी-देतवताओं की हाजिरी भगवान रघुनाथ जी के रजिस्टर में फूल आने पर लगेगी, जिससे देवी-देवताओं की परंपरा भी कायम रहेगी और कोविड के जो नियम और दिशा-निर्देश जारी हुए हैं, उनका भी पालन होगा। परंपरानुसार रजिस्टर को मेंटेन रखने की बात का खुलासा भगवान रघुनाथ जी के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने किया है। यह फैसला भी शायद देव संस्कृति और देव परंपरा के लिए काफी सही माना जाएगा।
इस बार कोरोना संकट के बीच अठारह करडू की सौह में अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव सूक्ष्म तरीके से मनाया जा रहा है, जिसका आगाज रविवार को हुआ है। करीब 11-12 देवी-देवताओं ने भी रथ में विराजमान होकर उत्सव में भाग लिया है, लेकिन अधिकतर देवी-देवता इस बार विराजमान नहीं हो पाए हैं। पिछले वर्ष अंतरराष्ट्रीय दशहरा कमेटी के रजिस्टर के साथ भगवान रघुनाथ जी के रजिस्टर में 278 देवी-देवताओं की उपास्थिति दर्ज हुई थी।
लेकिन इस बार कोरोना संकट के चलते प्रशासन के रजिस्टर में अधिकृत रूप में सात और अनाधिकृत रूप से चार-पांच देवी-देवताओं की हाजिरी लग सकी है, लेकिन भगवान रघुनाथ जी के रजिस्टर में दशहरा उत्सव में अधिकृत और अनाधिकृत रूप में विराजमान हुए सभी देवी-देवताओं की हाजिरी तो लगेगी, वहीं, उन देवी-देवताओं की हाजिरी भी रघुनाथ जी के रजिस्टर में लगेगी, जिनके श्रद्धासुमन और देव दुपट्टा पहुंचेगा। भगवान रघुनाथ जी के रजिस्टर का कॉलम देवी-देवताओं के श्रद्धासुमन आने पर क्रमानुसार मेंटेन होता रहेगा।
भगवान रघुनाथ जी के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वार सिंह ने कहा कि हाजिरी के लिए बाकायदा रजिस्टर भरेंगे। जिन देवी-देवताओं के श्रद्धासमुमन और दुपट्टा आएगा, उन्हें भगवान रघुनाथ जी की तरफ से पारंपरिक रूप में दी जाने वाली रस्म भी दी जाएगी। केसर की पुडि़यां और एक बगा दिया जाएगा। यह मुहल्ले वाले दिन होगा। देवी माताओं को माता की तरफ से और देवताओं को भगवान रघुनाथ की तरफ से केसर की पुडि़यां और बगा परंपरानुसार दिया जाएगा। वहीं, श्रद्धासुमन और दुपट्टा लेकर आने वाले देव कारकूनों के बाकायदा दस्तखत किए जाएंग। देवी-देवताओं के कारकूनों से आह्वान है कि वे इस कोरोना संकट में नियमों का उल्लंघन न करें, लेकिन इस समय संयम रखा जाए, तो ज्यादा बेहतर रहेगा।
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