काेरोनाकाल में 125 अमीरों ने खाया गरीबों का राशन, हो सकती है रिकवरी

हिमाचल प्रदेश में अमीर बनकर गरीबों के राशन को डकारने के लिए फर्जी बीपीएल और अंत्योदय कार्ड बनाने का बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है। करदाताओं को सस्ते राशन से बाहर करने के लिए सरकार ने एक विशेष अभियान चलाया हुआ है, जिसमें अब खुलासे होने शुरू हो गए हैं।
शुरूआती चरण में 125 ऐसे अमीर लोगों की पहचान हुई है, जो अच्छा खासा टैक्स देते हैं, लेकिन सस्ते राशन के लिए मिलीभगत से अपने परिवार के बीपीएल और अंत्योदय कार्ड बनाए हैं। इनमें डॉक्टर, अध्यापक, प्रोफेसर सहित कई अच्छे नौकरीपेश लोग भी शामिल है। यह संख्या अभी और बढ़ेगी, क्योंकि यह काम अभी भी चला हुआ है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री राजिंद्र गर्ग ने इसकी पुष्टि की है। साथ ही गलत तरीके से बीपीएल एवं अंत्योदय परिवारों को मिलने वाली सुविधाओं का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दे डाले हैं।
दरअसल, यह सारी मिलीभगत ग्राम पंचायतों में हुई है। बीपीएल और अंत्योदय योजना के तहत सस्ते राशन के लिए लोगों के नाम चुनने का हक ग्राम सभाओं को होता है, लेकिन इनके नाम अगर ग्राम सभाओं में सामने आए होते तो शायद कुछ लोग विरोध भी करते। लेकिन यह सारा काम चुपके से पंचायत सचिव और प्रधान के साथ मिलकर किया गया। खाद्य आपूर्ति मंत्री राजिंद्र गर्ग ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग गरीब व जरूरतमंदों को दी जाने वाली सुविधाओं को अनुचित लाभ ले रहे हैं।
कैबिनेट मंत्री ने यह भी साफ किया कि जांच पूरी होने के बाद ऐसे फर्जी बीपीएल और अंत्योदय कार्ड धारकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी, जब तक सस्ता राशन लिया है उसकी रिकवरी भी की जा सकती है, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति ऐसा कार्य न कर सके। हिमाचल में करीब डेढ़ लाख करदाता हैं।
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